गीतकास्ट प्रतियोगिता- परिणाम-3: स्नेह-निर्झर बह गया है देखते-देखते आज वह समय भी आ गया, जब हम गीतकास्ट प्रतियोगिता के तीसरे अंक के परिणाम प्रकाशीत व प्रसारित कर रहे हैं। मई महीने में शुरू हुई इस प्रतियोगिता का एक मात्र उद्देश्य यही था कि हिन्दी कविता के प्रतिमानों या यूँ कह लें आधार-स्तम्भों को संगीत से जोड़ा जाये ताकि नई पीड़ी भी उन्हें गुनगुना सके और अपने मन के आँगन में एक स्थान दे सके। इस प्रतियोगिता की शुरूआती दो कड़ियाँ 'अरुण यह मधुमय देश हमारा' और 'प्रथम रश्मि ' बहुत सफल रहीं। श्रोताओं ने बहुत पसंद किया। प्रतिभागिता बढ़ी। उसी का फल है कि तीसरे अंक में जब हमने निराला की एक मुश्किल कविता ' स्नेह-निर्झर बह गया है' चुना तो भी इसमें 18 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं। हमने तीसरे अंक के लिए प्रविष्टि जमा करने की आखिरी तिथि रखी थी 31 जुलाई 2009। 30 जुलाई तक हमें मात्र 1 प्रविष्टि मिली थी, लेकिन 31 तारीख को यह बढ़कर 18 हो गईं। कविता मुश्किल तो थी ही, लेकिन हम पिछले 3 अंकों से एक और परेशानी का सामना कर रहे हैं, वह यह कि अलग-अलग प्रकाशन की पुस्तक में कविता की पंक्तियों ...