किशोर कुमार के जबरदस्त फैन जे एम सोरेन ख़ुद को एक गायक पहले मानते हैं, उनके अपने शब्दों में अगर कहें तो संगीत उनका पहला प्यार, पहला जनून है और संगीत ही उनकी आत्मा उनकी सांसें और जीवन का ओक्सिजेन है. सोरेन गीटार सिखाते हैं साथ ही सीखना भी जारी है. आज कल CAC कोच्ची से पाश्चात्य संगीत में ग्रेड परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. फ़िल्म जगत में बतौर गायक / संगीतकार अपनी पहचान बनाने के इच्छुक सोरेन आर डी बर्मन उर्फ़ पंचम को अपना गुरु मानते हैं. हमने की ओ मुनिया के रचेता जे एम् सोरेन से कुछ ख़ास बातें - हिंद युग्म - सम्मोहन और ओ मुनिया दोनों बिल्कुल अलग अलग फ्लेवर के गीत है सोरेन, क्या ये एक सोची समझी कोशिश थी मुक्तलिफ़ अंदाज़ में ख़ुद को परोसने की...? सोरेन -नहीं ऐसी कोई बात नहीं है की ये एक सोची समझी कोशिश थी. हाँ ये बात ज़रूर है की सम्मोहन और मुनिया दोनों अलग अलग किस्म के गाने हैं. चाहें जिस फ्लेवर के गाने हों ये दोनों अपने को प्रिय हैं. क्योंकि गाने की डिमांड थी इसलिए गाना ऐसा बनाया मैंने. पहले वैसे मैंने किसी डांस गीत पर उतना ज़्यादा काम नहीं किया था. हाँ इच्छा ज़रूर थी और मैं सोचता हूँ कि म...