महफ़िल ए कहकशाँ 21 नूरजहाँ दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे के साथ। अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज पेश है मुज्ज़फर वारसी की लिखी नज़्म मल्लिका ए तरन्नुम नूरजहाँ की आवाज़ में| मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी