'ओल्ड इज़ गोल्ड शनिवार विशेष' - २७ 'अनिल बिस्वास पर केन्द्रित विविध भारती की यादगार शृंखला 'रसिकेशु' के बनने की कहानी संगीतकार तुषार भाटिया की ज़बानी'
नमस्कार! 'ओल्ड इज़ गोल्ड शनिवार विशेष' में एक बार फिर आप सभी का हम स्वागत करते हैं। आज का यह अंक बहुत ही ख़ास है क्योंकि आज आप इसमें एक महान संगीतकार के बारे में कुछ बातें जानने जा रहे हैं जो शायद अब तक आपको मालूम ना होंगी, और ये सब बातें आपको बताएँगे एक और बेहद गुणी फ़नकार। दोस्तों, अगर आप विविध भारती के श्रोता हैं और सुबह सवेरे 'संगीत सरिता' सुनते हैं तो आपने इसमें एक शृंखला ज़रूर सुनी होगी 'रसिकेशु', जिसमें संगीतकार अनिल बिस्वास से युवा संगीतकार तुषार भाटिया की बहुत अच्छी और लम्बी बातचीत सुनवाई गई थी। विविध भारती ने बड़े प्यार से इस रेकोडिंग् को अपने संग्रहालय में सहेज कर रखा है और इस शृंखला का दोहराव भी हर वर्ष होता रहता है श्रोताओं की फ़रमाइश पर। पिछले दिनों मेरी तुषार जी से फ़ेसबूक पर मुलाक़ात हुई, उनका बड़प्पन ही कहूँगा कि मुझे अपने फ़्रेण्ड्स-लिस्ट में शामिल किया, और इतना ही नहीं, एक इंटरव्यु के लिए भी तुरंत राज़ी हो गए। मुझे बहुत रोमांच हो आया क्योंकि यह मेरा पहला इंटरव्यु था। इससे पहले जितने भी इंटरव्युज़ मैंने किये हैं, सब ईमेल के माध्यम से हुए हैं। ट...