Skip to main content

Posts

Showing posts with the label Badchalan

सुनो कहानी - बदचलन - हरिशंकर परसाई - अर्चना चावजी

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में अनुराग शर्मा की कहानी " टुन्न परेड " का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार हरिशंकर परसाई का व्यंग्य " बदचलन ", जिसको स्वर दिया है अर्चना चावजी ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 44 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मेरी जन्म-तारीख 22 अगस्त 1924 छपती है। यह भूल है। तारीख ठीक है। सन् गलत है। सही सन् 1922 है। । ~ हरिशंकर परसाई (1922-1995) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी "बहू-बेटियां सबके घर में हैं। यहां ऐसा दुराचारी आदमी रहने आ रहा है। भला शरीफ आदमी यहां कैसे रहेंगे।" ( हरिशंकर परसाई की "बदचलन" से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुने