हिंद युग्म ने आधारशिला फिल्म्स के साथ सहयोग कर अलग अलग मुद्दों को दर्शाती एक लघु शृंखला "द अवेकनिंग सीरिस" शुरू की है. अभी शुरुआत में ये एक जीरो बजेट प्रयोगात्मक रूप में ही है, जैसे जैसे आगे बढ़ेगें इसमें सुधार की संभावना अवश्य ही बनेगी. इस शृंखला में ये पहली कड़ी है जिसका शीर्षक है -दोहराव. विचार बीज और कविता है सजीव सारथी की, संगीत है ऋषि एस का, संपादन है जॉय कुमार का और पार्श्व स्वर है मनुज मेहता का. फिल्म संक्षिप्त में इस विचार पर आधारित है - जब किसी इलाके में मच्छर अधिक हो जाए तो सरकार जाग जाती है और डी टी पी की दवाई छिडकती है, ताकि मच्छर मरे और जनता मलेरिया से बच सके. आतंकवाद रुपी इस महामारी से निपटने के लिए सरकार अभी और कितने लोगों की बलि का इंतज़ार कर रही है ? क्या हम सिर्फ सरकार के जागने का इंतज़ार कर सकते हैं या कुछ और....