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शब्दों के चाक पर फिर संवरी कवितायेँ

शब्दों के चाक पर - एपिसोड 02 "शब्दों के चाक पर" के पहले एपिसोड को आप सब का भरपूर प्यार मिले, तो लीजिए दुगुने जोश से आज हम हाज़िर हैं इस अनूठे खेल का दूसरा एपिसोड लेकर. इस कार्यक्रम के निम्न चरण होंगें, कृपया समझ लें - 1. कार्यक्रम की क्रिएटिव हेड रश्मि प्रभा के संचालन में शब्दों का एक दिलचस्प खेल खेला जायेगा. इसमें कवियों को कोई एक थीम शब्द या चित्र दिया जायेगा जिस पर उन्हें कविता रचनी होगी...ये सिलसिला सोमवार सुबह से शुरू होगा और गुरूवार शाम तक चलेगा, जो भी कवि इसमें हिस्सा लेना चाहें वो रश्मि जी से संपर्क कर उनके फेसबुक ग्रुप में जुड सकते हैं, रश्मि जी का प्रोफाईल  यहाँ  है. 2. सोमवार से गुरूवार तक आई कविताओं को संकलित कर हमारे पोडकास्ट टीम के हेड पिट्सबर्ग से अनुराग शर्मा जी अपने साथी पोडकास्टरों के साथ इन कविताओं में अपनी आवाज़ भरेंगें. और अपने दिलचस्प अंदाज़ में इसे पेश करेगें. 3. हर मंगलवार सुबह ९ से १० के बीच हम इसे अपलोड करेंगें आपके इस प्रिय जाल स्थल पर. अब शुरू होता है कार्यक्रम का दूसरा चरण. मंगलवार को इस पोडकास्ट के प्रसारण के तुरंत बाद से हमा

शब्द और आवाज़ की जुगलबंदी

शब्दों की चाक पर - एपिसोड 01 दोस्तों, इंतज़ार की घड़ियाँ खत्म. ब्लोग्गर चोईस के बाद रश्मि प्रभा जी जिस नए कार्यक्रम को लेकर उपस्तिथ होने वालीं थी उसका शुभारंभ आज यानी ५ जून से आपके इस प्रिय जाल स्थल प्लेबैक इंडिया में हो रहा है. इस अनूठे कार्यक्रम का नाम है - शब्दों की चाक पर. इस कार्यक्रम के निम्न चरण होंगें, कृपया समझ लें - 1. कार्यक्रम की क्रिएटिव हेड रश्मि प्रभा के संचालन में शब्दों का एक दिलचस्प खेल खेला जायेगा. इसमें एक कवि किसी एक खास शब्द से शुरुआत करेगा और अपनी रची कविता में से कोई एक शब्द चुनौती के रूप में आगे रखेगा जिस पर उस चुनती को स्वीकार करने वाले कवि को कविता रचनी होगी...ये सिलसिला सोमवार सुबह से शुरू होगा और गुरूवार शाम तक चलेगा, जो भी कवि इसमें हिस्सा लेना चाहें वो रश्मि जी से संपर्क कर उनके फेसबुक ग्रुप में जुड सकते हैं, रश्मि जी का प्रोफाईल यहाँ है. 2. सोमवार से गुरूवार तक आई कविताओं को संकलित कर हमारे पोडकास्ट टीम के हेड पिट्सबर्ग से अनुराग शर्मा जी अपने साथी पोडकास्टरों के साथ इन कविताओं में अपनी आवाज़ भरेंगें. और अपने दिलचस्प अंदाज़ में इसे पेश कर

कवि हेमंत के शब्द और कुमार आदित्य की संगीत-संगत

पिछले सप्ताह आपने कुमार आदित्य विक्रम द्वारा स्वरबद्ध चाँद शुक्ला की एक ग़ज़ल का आनंद लिया। आदित्य में सूर्य की भाँति न खत्म होने वाली संगीत-संयोजन और गायन की ऊर्जा है। व्यवसायिकरण के इस दौर में भी आदित्य पूरी मुश्तैदी के साथ कविताओं को संगीतबद्ध करने का हौसला रखते हैं। आवाज़ भी ऐसी प्रतिभाओं को सलाम करने से कभी नहीं चूकता। एक बार फिर हम कुमार आदित्य विक्रम की ही प्रस्तुति लेकर हाज़िर हैं जो एक युवाकवि को श्रद्धाँजलि है। कुमार आदित्य ने स्व. कवि हेमंत की दो कविताओं का संगीत भी तैयार किया है और गाया भी है। स्वर्गीय कवि हेमंत जन्म: 23 मई 1977, उज्जैन (म.प्र.) शिक्षा: सॉफ़्टवेयर कम्प्यूटर इंजीनियर लेखन: हिन्दी, अंग्रेज़ी, मराठी में कविता-लेखन रचनाएँ: (1) मेरे रहते (कविता-संग्रह) / सं. डा. प्रमिला वर्मा (2) समकालीन युवा कवियों का संग्रह / सं. डा. विनय (3) सौ-वर्ष की प्रेम कविताओं का संग्रह / सं. वीरेंद्रकुमार बरनवाल निधन: 5 अगस्त 2000 — सड़क दुर्घटना में। हेमंत की मृत्यु के बादः इनकी माँ प्रसिद्ध लेखिका संतोष श्रीवास्तव (अध्यक्ष: हेमंत फाउण्डेशन) ने हेमंत की स्मृति में `हेमंत फाउण्ड

क्या भुलूँ क्या याद करूँ का स्वरबद्ध रूप

आज महान गीतकार, कवि, लेखक हरिवंश राय बच्चन की छठवीं पुण्यतिथि है। कुछ देर पहले हमने आपको अमिताभ बच्चन की आवाज़ में बच्चन जी की कविताएँ (मधुशाला से इतर) सुनवाई, साथ में शोभा महेन्द्रू का विशेष आलेख भी पढ़वाया। अब बारी है सबसे ख़ास पेशकश की। लेडी श्रीराम कॉलेज, नई दिल्ली में हिन्दी की प्राध्यापिका डॉ॰ प्रीति प्रकाश प्रजापति हिन्दी कविताओं से विशेष अनुराग रखती हैं। इन्होंने निराला, पंत आदि महाकवियों की रचनाओं को स्वरबद्ध भी किया है। जब हमने इनसे निवेदन किया कि हरिवंश राय बच्चन की कविता 'क्या भुलूँ क्या याद करूँ' को कम्पोज करें, तो इन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। तबला वादक मौजी बाबू के साथ मिलकर हारमोनियम की धुन पर यह कविता कम्पोज हुई। प्रीति प्रकाश ने कम्पोज करने के साथ हिन्द-युग्म को बताया- " मुझे बच्चन जी की इस कविता को गाकर बहुत सुकूँ मिला, मैं चाहती हूँ कि इनकी ढेरों रचनाएँ कम्पोज करूँ और एक संपूर्ण एल्बम बनाऊँ" । अभी तो हमने ऐसे ही साधारण mp3 रिकॉर्डर से यह कविता रिकॉर्ड की है। भविष्य में पूरा एल्बम लेकर उपस्थित होंगे। तब तक सुनते हैं-