गुरूदेव की "नौका डूबी" को "कशमकश" में तब्दील करके लाए हैं संजॉय-राजा..शब्दों का साथ दिया है गुलज़ार ने
Taaza Sur Taal (TST) - 15/2011 - KASHMAKASH (NAUKA DOOBI) कभी-कभार कुछ ऐसी फिल्में बन जाती हैं, कुछ ऐसे गीत तैयार हो जाते हैं, जिनके बारे में आप लिखना तो बहुत चाहते हैं, लेकिन अपने आप को इस लायक नहीं समझते कि थोड़ा भी विश्लेषण कर सकें। आपके मन में हमेशा यह डर समाया रहता है कि अपनी नासमझी की वज़ह से कहीं आप उन्हें कमतर न आंक जाएँ। फिर आप उन फिल्मों या गीतों पर शोध शुरू करते हैं और कोशिश करते हैं कि जितनी ज्यादा जानकारी जमा हो सके इकट्ठा कर लें, ताकि आपके पास कही गई बातों का समर्थन करने के लिए कुछ तो हो। इन मौकों पर अमूमन ऐसा भी होता है कि आपकी पसंद अगर सही मुकाम पर पहुँच न पा रही हो तो भी आप पसंद को एक जोड़ का धक्का देते हैं और नकारात्मक सोच-विचार को बाहर का रास्ता दिखा देते हैं। अंतत: या तो आप संतुष्ट होकर लौटते हैं या फिर एक खलिश-सी दिल में रह जाती है कि इस चीज़ को सही से समझ नहीं पाया। आज की फिल्म भी कुछ वैसी है.. गुरूदेव रवींद्रनाथ टैगोर की लिखी कहानी "नौका डूबी" पर उसी नाम से बनाई गई बांग्ला फिल्म का हिंदी रूपांतरण है "कशमकश"। इस फिल्म के सभी गाने रवींद्र-संगीत