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गैंगस्टरों की खूनी दुनिया में प्रीतम के संगीत का माधुर्य

कु छ गीत हमेशा ही जेहन में ताज़ा रहते हैं, प्रीतम का स्वरबद्ध पी लूँ  और तुम जो आये  गीत भी इसी श्रेणी में आते हैं. वंस अपोन अ टाइम इन मुम्बई  की सफलता में इन गीतों की कामियाबी का बहुत बड़ा हाथ रहा. मुम्बई अंडरवर्ड के काले दौर को गुजरे समय की एक दास्ताँ बता कर पेश किया गया था इस फिल्म में, अब इसके दूसरे संस्करण में इसी कहानी को आगे बढ़ाया गया है. जहाँ तक गीत संगीत की बात है यहाँ भी प्रीतम दा ही हैं अपने लाजवाब फॉर्म में और उन्हें साथ मिला है निर्देशक गीतकार रजत अरोड़ा का, रजत डर्टी पिक्चर के हिट गीत लिखकर अपनी एक खास पहचान बना चुके हैं. आईये देखें क्या इस दूसरे संस्करण का संगीत भी श्रोताओं की उम्मीद पर खरा उतर पाया है या नहीं.  अभी हाल ही में मुर्रब्बा, रंगरेज  और मेरा यार  जैसे शानदार गीत गाकर जावेद बशीर इन दिनों छाये हुए हैं, उन्हीं की करारी आवाज़ जो तीर की तरफ सीधे दिल को भेद जाती है, में है पहला गीत ये तुने क्या किया , एक खूबसूरत कव्वाली. शुरू के शेरों से ही समां सा बांध जाता है. रजत के शब्द और प्रीतम की धुन दोनों ही उत्तम है. कोरस का इस्तेमाल भी खूब जमता है.  अगला गीत भी एक

चुलबुले गीतों का चुटीला अंदाज़ खनक रहा है नए दौर की जवानी दीवानी में

प्लेबैक वाणी -4 5 - संगीत समीक्षा - ये जवानी है दीवानी हमारे फिल्मकारों की राय में जवानी हमेशा से ही दीवानी रही है, फिर चाहे ज़माना राज कपूर का हो, ऋषि कपूर का या फिर आज के रणबीर कपूर का, जवानी की दीवानगी में मोहब्बत की नादानियाँ फ़िल्मी परदे पर दर्शकों को लुभाती रहीं हैं. निर्देशक आयन मुखर्जी की नयी पेशकश ये जवानी है दीवानी में संगीत है प्रीतम का और गीतकार हैं अमिताभ भट्टाचार्य. बर्फी की आपार सफलता के बाद प्रीतम और रणबीर का संगम क्या नया गुल खिला रहा है, आईये देखें फिल्म की एल्बम को सुनकर. पहला गीत बदतमीज़ दिल एक रैप गीत है, रेट्रो अंदाज़ का. इस पे भूत कोई चढा है ठहराना जाने न ....गीत की इन पंक्तियों की ही तरह ये गीत भी कहीं रुकता हुआ प्रतीत नहीं होता. एक सांस में इसे गाया है बेनी दयाल ने और उनके साथ है शेफाली अल्वारिस, पर गीत पूरी तरह बेनी का कहा जाना चाहिए. तेज रिदम और चुटकीले शब्द गीत को मजेदार बनाते हैं. पर कहीं न कहीं कुछ कमी से खलती है शायद नयेपन की, जो गीत पूरी तरह दिल को छू नहीं पाता. अगला गीत बालम पिचकारी की शुरुआत बहुत दिलचस्प अंदाज़ में देसी ठाठ से होत