सुनो कहानी: श्रवण कुमार सिंह की कहानी 'बुतरखौकी' 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम प्रत्येक शनिवार को आपको सुनवा रहे हैं चुनी हुई कहानियां जिनमें नए, पुराने, प्रसिद्ध, अल्प-परिचित सभी श्रेणी के रचनाकारों की बहुमूल्य कृतियाँ शामिल हैं। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में सआदत हसन अली मंटो की अमर कहानी 'टोबा टेक सिंह' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं श्रवण कुमार सिंह की सम-सामयिक कहानी 'बुतरखौकी' , जिसको स्वर दिया है शन्नो अग्रवाल ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। कहानी का कुल प्रसारण समय है: 54 मिनट और 3 सेकंड। श्रवण कुमार सिंह की इस कहानी का टेक्स्ट हिंद युग्म पर कहानी कलश में उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। हक जन्म का मेरे मत छीनो, मुझमें भी आस चहकती है. ~ प्रदीप मनोरिया ( पतझड़ सावन वसंत बहार से साभार) निष्काम भाव से उसने थ...