लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा  के स्वर में शाहिद मंसूर "अजनबी"  की लघुकथा माँ तो सबकी एक-जैसी होती है  का पाठ सुना था।   आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं आशा गुप्ता आशु  लिखित लघुकथा ममता की छांव में , जिसे स्वर दिया है माधवी गणपुले  ने।   इस कहानी मुक्ति  का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 20 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इसका गद्य लेखिका के फेसबुक पृष्ठ  पर उपलब्ध है।   यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।            माना कि अभी नहीं जागे मेरे सोये हुये नसीब!  पर एक दिन अपना होगा खुशियां होंगी करीब !!   ~  आशा गुप्ता "आशु"   हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी    "मुझे उस दिन का इन्तजार ...