सिने-पहेली # 36 (8 सितंबर, 2012) 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों और श्रोताओं को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार, और स्वागत है आप सभी का आपके मनपसंद स्तंभ 'सिने पहेली' में। आज 8 सितंबर है। आम लोगों के लिए शायद यह दिन स्मरणीय न हो, पर फ़िल्म-संगीत के जानकारों के लिए आज के दिन की अहमियत बहुत है। आज है पार्श्वगायिका आशा भोसले का जनमदिन। इसलिए आज की सिने पहेली आशा जी के नाम। दिल की गहराई में उतरने वाली, हर भाव, हर रंग को उजागर करने वाली आवाज़ है आशा जी की। उनकी आवाज़ की अगर हम तारीफ़ करें तो शायद शब्द भी फीके पड़ जाये उनकी आवाज़ की चमक के सामने। और यह चमक दिन-ब-दिन बढ़ती चली गई है अलग-अलग रंग बदलकर, ठीक वैसे जैसे कोई चित्रकार अलग-अलग रंगों से अपने चित्र को सुंदरता प्रदान करता चला जा रहा हो। आशा जी की आवाज़ ऐसी है कि कभी शराब और सुरूर की मादकता है तो कभी माँ की लोरी की ममता। वेदना और उदासी भरे गीतों में भी जान डाल देती है उनकी आवाज़। उनके पुराने गानों में भावों की गहराई को उन्होंने ऐसी सुंदरता से व्यक्त किया है कि उनकी आवाज़ के भोलेपन से सहसा विश्वास ...