लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने शीतल माहेश्वरी के स्वर में अर्चना तिवारी की लघुकथा " उड़नपरी " का वाचन सुना था। आज प्रस्तुत है निरञ्जन धुळेकर की लघुकथा छन्न , जिसे स्वर दिया है शीतल माहेश्वरी ने। प्रस्तुत लघुकथा " छन्न " का कुल प्रसारण समय 5 मिनट 11 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं आदि को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। प्यार इसीलिए करना चाहिए ताकि, पता चल जाए कि प्यार क्यों नही करना चाहिए! ~ निरञ्जन धुळेकर हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "थकान से मैं कभी नही सोया ... कल खाना मिलेगा ये पता होता तो नींद मेरा भी पता ढूंढ ही लेती।" ( निरञ्जन धुळेकर की लघुकथा 'छन्न...