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मस्ती, धमाल और धूम धडाके में "शीला की जवानी" का पान....यानी तीस मार खान

टी एस टी यानी ताज़ा सुर ताल में आज हम हाज़िर हैं इस वर्ष की अंतिम बड़ी फिल्म “तीस मार खान” के संगीत का जिक्र लेकर. फराह खान ने नृत्य निर्देशिका के रूप में शुरूआत की थी और निर्देशिका बनने के बाद तो उन्होंने जैसे कमियाबी के झंडे ही गाढ़ दिए. “मैं हूँ न” और “ओम शांति ओम” जैसी सुपर डुपर हिट फिल्म देने वाली ये सुपर कामियाब निर्देशिका अब लेकर आयीं हैं – तीस मार खान. जाहिर है उम्मीदे बढ़ चढ़ कर होंगीं इस फिल्म से भी. पहली दो फिल्मों में शाहरुख खान के साथ काम करने वाली फराह ने इस बार चुना है अक्षय कुमार को और साथ में है कटरीना कैफ. संगीत है विशाल शेखर का और अतिथि संगीतकार की भूमिका में हैं शिरीष कुंदर जो फराह के पतिदेव भी हैं और अक्षय –सलमान को लेकर “जानेमन” जैसी फिल्मों का निर्देशन भी कर चुके हैं. अल्बम की शुरूआत होती है शिशिर के ही गीत से जो कि फिल्म का शीर्षक गीत भी है. इस गीत में यदि आप लचर शब्दों को छोड़ दें तो तीन ऐसी बातें हैं जो इस गीत को तुरंत ही एक हिट बना सकता है. पहला है सोनू की बहुआयामी आवाज़ का जलवा. पता नहीं कितनी तरह की आवाजों में उन्होनें इस गीत गाया है और क्या जबरदस्त अंजाम ...

सजन रे झूठ मत बोलो खुदा के पास जाना है...शायद ये गीत काफी करीब था मुकेश की खुद की सोच से

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 181 "ह म छोड़ चले हैं महफ़िल को, याद आए कभी तो मत रोना, इस दिल को तसल्ली दे लेना, घबराए कभी तो मत रोना।" आज से लगभग ३५ साल पहले, २७ अगस्त १९७६ को, दुनिया की इस महफ़िल को हमेशा के लिए छोड़ गए थे फ़िल्म जगत के सुप्रसिद्ध पार्श्व गायक और एक बेहतरीन इंसान मुकेश। मुकेश उस आवाज़ का नाम है जिसमें है दर्द, मोहब्बत, और मस्ती भी। आज उनके गए ३५ साल हो गए हैं, लेकिन उनके गाए अनगिनत नग़में आज भी वही ताज़गी लिए हुए है, समय असर नहीं कर पाया है मुकेश के गीतों पर। मुकेश का नाम ज़हन में आते ही सुर लहरियों की पंखुड़ियाँ ख़ुद ब ख़ुद मचलने लग जाती हैं, दुनिया की फिजाओं में ख़ुशबू बिखर जाती है। २७ अगस्त को मुकेश की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य पर आज से 'ओल्ड इज़ गोल्ड' में हम शुरु कर रहे हैं मुकेश को समर्पित १० विशेषांकों की एक ख़ास लघु शृंखला '१० गीत जो थे मुकेश को प्रिय'। जी हाँ, ये वो १० गीत हैं, जो मुकेश को बहुत पसंद थे और जिन्हे वो अपने हर शो में गाते थे। इस शृंखला की शुरुआत हम कर रहे हैं जीवन दर्शन पर आधारित फ़िल्म 'तीसरी क़सम' के एक मशहूर गीत से - ...