मैंने देखी पहली फिल्म भारतीय सिनेमा के शताब्दी वर्ष में ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ द्वारा आयोजित विशेष अनुष्ठान- ‘स्मृतियों के झरोखे से’ में आप सभी सिनेमा प्रेमियों का हार्दिक स्वागत है। आज माह का चौथा गुरुवार है और आज बारी है- ‘मैंने देखी पहली फिल्म’ की। इस द्विसाप्ताहिक स्तम्भ के पिछले अंक में आपने कवि और पत्रकार निखिल आनन्द गिरि के संस्मरण के साझीदार रहे। आज के अंक में हम प्रस्तुत कर रहे हैं, रेडियो प्लेबैक इण्डिया के नियमित पाठक और शुभचिन्तक पंकज मुकेश की पत्नी अंजू पंकज की पहली देखी फिल्म ‘जय सन्तोषी माँ’ का संस्मरण। यह प्रतियोगी वर्ग की प्रविष्टि है। फिल्म देख कर सन्तोषी माँ का व्रत करने की इच्छा हुई : अंजू पंकज मैं ने अपने जीवन में सबसे पहली फिल्म देखी -"जय सन्तोषी माँ"। इस फिल्म के बारे में हर एक बात मैं आज तक भूल नहीं पायी। सच में पहली फिल्म कुछ ज्यादा ही यादगार होती है। बात उस समय की हैं जब मैं पाँचवीं कक्षा में पढ़ती थी, महज दस साल कि उम्र थी। दुनियादारी से कहीं दूर एक बच्ची के मन में जो कुछ आता था, उनमें कहीं न कहीं चम्पक, नन्हें सम्रा...