ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 415/2010/115 'ओ ल्ड इज़ गोल्ड' पर इन दिनों आप सुन रहे हैं गुज़रे ज़माने के कुछ भूले बिसरे नग़में 'दुर्लभ दस' लघु शृंखला के अन्तर्गत। कल इसमें हमने आपको सुनवाया था दक्षिण की सुप्रसिद्ध गायिका एस. जानकी की आवाज़ में एक बड़ा ही मीठा सा गीत। जब दक्षिण की गायिकाओं का ज़िक्र आता है, तो एस. जानकी के साथ साथ एक और नाम का ज़िक्र करना आवश्यक हो जाता है। और वो नाम है पी. सुशीला। दक्षिण में तो सुना है कि इन दोनों गायिकाओं के चाहनेवाले बहस में पड़ जाते हैं कि इन दोनों में कौन बेहतर हैं। ठीक वैसे ही जैसे कि हिंदी सिने संगीत जगत में लता और आशा के चाहनेवालों में होती है। तो इसलिए हमने सोचा कि क्यों ना एस. जानकी के बाद एक गीत पी. सुशीला जी की आवाज़ में भी सुन लिया जाए। पी. सुशीला की आवाज़ में जिस दुर्लभ गीत को हमने खोज निकाला है वह गीत है फ़िल्म 'पिया मिलन' का, जिसके बोल हैं "क्या क्या कहूँ रे कान्हा, तू ने चुराया दिल को"। इस गीत को सुनते हुए आपको दक्षिण भारत की याद ज़रूर आएगी। गीत का संगीत दक्षिणी अंदाज़ में तैयार किया गया है, साज़ भी वहीं के ह...