स्वरगोष्ठी – 220 में आज
दस थाट, दस राग और दस गीत – 7 : काफी थाट
राग काफी में ‘बाँवरे गम दे गयो री...’
और
बागेश्री में ‘कैसे कटे रजनी अब सजनी...’
और
बागेश्री में ‘कैसे कटे रजनी अब सजनी...’
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राग काफी : ‘बावरे गम दे गयो री...’ : पण्डित भीमसेन जोशी
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राग बागेश्री : ‘कैसे कटे रजनी...’ : उस्ताद अमीर खाँ और प्रतिमा बनर्जी : फिल्म क्षुधित पाषाण
संगीत पहेली
‘स्वरगोष्ठी’
के 220वें अंक की संगीत पहेली में आज हम आपको छः दशक पुरानी एक लोकप्रिय
हिन्दी फिल्म के एक राग आधारित गीत का अंश सुनवा रहे हैं। इस गीत के अंश को
सुन कर आपको निम्नलिखित तीन में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर देने
हैं। ‘स्वरगोष्ठी’ के इस अंक के सम्पन्न होने तक जिस प्रतिभागी के सर्वाधिक
अंक होंगे, उन्हें इस वर्ष की दूसरी श्रृंखला (सेगमेंट) का विजेता घोषित
किया जाएगा।
1 – गीत का यह अंश सुन कर बताइए कि इस अंश में किस राग की झलक है?
2 – गीत के अंश में प्रयोग किये गए ताल को ध्यान से सुनिए और हमें ताल का नाम बताइए।
3 – इस गीत के संगीतकार कौन हैं? हमे उनका नाम बताइए।
आप उपरोक्त तीन में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर केवल swargoshthi@gmail.com या radioplaybackindia@live.com
पर इस प्रकार भेजें कि हमें शनिवार, 30 मई, 2015 की मध्यरात्रि से पूर्व
तक अवश्य प्राप्त हो जाए। comments में दिये गए उत्तर मान्य हो सकते है,
किन्तु उसका प्रकाशन अन्तिम तिथि के बाद किया जाएगा। इस पहेली के विजेताओं
के नाम हम ‘स्वरगोष्ठी’ के 222वें अंक में प्रकाशित करेंगे। इस अंक में
प्रकाशित और प्रसारित गीत-संगीत, राग, अथवा कलासाधक के बारे में यदि आप कोई
जानकारी या अपने किसी अनुभव को हम सबके बीच बाँटना चाहते हैं तो हम आपका
इस संगोष्ठी में स्वागत करते हैं। आप पृष्ठ के नीचे दिये गए comments के
माध्यम से तथा swargoshthi@gmail.com अथवा radioplaybackindia@live.com पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं।
पिछली पहेली के विजेता
‘स्वरगोष्ठी’
की 218वें अंक की संगीत पहेली में हमने आपको वर्ष 1960 में प्रदर्शित
ऐतिहासिक फिल्म ‘मुगल-ए-आज़म’ के एक गीत का अंश सुनवा कर आपसे तीन प्रश्न
पूछा गया था। आपको इनमें से किसी दो प्रश्न का उत्तर देना था। पहले प्रश्न
का सही उत्तर है- राग सोहनी, दूसरे प्रश्न का सही उत्तर है- ताल दीपचन्दी
और तीसरे प्रश्न का सही उत्तर है- गायक उस्ताद बड़े गुलाम अली खाँ। इस बार
पहेली में हमारे एक नये श्रोता-पाठक, बड़ोदरा, गुजरात के केतनकुमार पताडिया
की भी सहभागिता रही। केतन जी के तीनों उत्तर सही रहे। इनके अलावा हमारे
नियमित प्रतिभागियों, पेंसिलवेनिया, अमेरिका से विजया राजकोटिया, जबलपुर से
क्षिति तिवारी, रायपुर, छत्तीसगढ़ से राजश्री श्रीवास्तव और हैदराबाद से
डी. हरिणा माधवी ने भी सही उत्तर दिये हैं। दिया हैं। सभी पाँच
प्रतिभागियों को ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ की ओर से हार्दिक बधाई।
अपनी बात
मित्रो,
‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर लघु
श्रृंखला ‘दस थाट, दस राग और दस गीत’ जारी है। इसके अन्तर्गत हम प्रत्येक
अंक में भारतीय संगीत के प्रचलित दस थाट और उनके आश्रय रागों की चर्चा कर
रहे हैं। साथ ही थाट से जुड़े अन्य रागों पर आधारित फिल्मी गीत भी प्रस्तुत
कर रहे हैं। आपको यह श्रृंखला कैसी लगी? हमें अवश्य लिखिएगा। ‘स्वरगोष्ठी’
पर आगामी लघु श्रृंखला ‘वर्षा ऋतु के रागों’ पर केन्द्रित होगा। यदि आपने
वर्षा ऋतु के रागों पर कोई आलेख तैयार किया है या इन रागों की कोई रचना
आपको पसन्द है, तो हमें swargoshthi@gmail.com
पर शीघ्र भेजें। हम उसे आपके नाम और परिचय के साथ प्रकाशित / प्रसारित
करेंगे। अगले रविवार को एक नए अंक के साथ प्रातः 9 बजे ‘स्वरगोष्ठी’ के इसी
मंच पर आप सभी संगीतानुरागियों का हम स्वागत करेंगे।
प्रस्तुति : कृष्णमोहन मिश्र
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