'ओल्ड इज़ गोल्ड' के साप्ताहिक अंक 'ईमेल के बहाने, यादों के ख़ज़ाने' में आप सभी का स्वागत है। हर हफ़्ते आप में से किसी ना किसी साथी की सुनहरी यादों से समृद्ध कर रहे हैं 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के इस ख़ास ख़ज़ाने को। हमें बहुत से दोस्तों से ईमेल मिल रहे हैं और एक एक कर हम सभी को शामिल करते चले जा रहे हैं। जिनके ईमेल अभी तक शामिल नहीं हो पाए हैं, वो उदास ना हों, हम हर एक ईमेल को शामिल करेंगे, बस थोड़ा सा इंतेज़ार करें। और जिन दोस्तों ने अभी तक हमें ईमेल नहीं किया है, उनसे गुज़ारिश है कि अपने पसंद के गानें और उन गानों से जुड़ी हुई यादों को हिंदी या अंग्रेज़ी में हमारे ईमेल पते oig@hindyugm.com पर भेजें। अगर आप शायर या कवि हैं, तो अपनी स्वरचित कविताएँ और ग़ज़लें भी हमें भेज सकते हैं। किसी जगह पर घूमने गए हों कभी और कोई अविस्मरणीय अनुभव हुआ हो, वो भी हमें लिख सकते हैं। इस स्तंभ का दायरा विशाल है और आप को खुली छूट है कि आप किसी भी विषय पर अपना ईमेल हमें लिख सकते हैं। बहरहाल, आइए अब आज के ईमेल की तरफ़ बढ़ा जाए। शरद तैलंग का नाम 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के लिए कोई नया नाम नहीं ...