ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 156 अ भी दो दिन पहले हम ने आप को प्रेम-पत्र पर लिखा एक मशहूर गीत सुनवाया था फ़िल्म 'संगम' का। रफ़ी साहब का गाया एक और ख़त वाला मशहूर गीत है फ़िल्म 'कन्यादान' का "लिखे जो ख़त तुझे वह तेरी याद में हज़ारों रंग के नज़ारे बन गये"। यह गीत भी उतना ही लोकप्रिय हुआ जितना कि फ़िल्म 'संगम' का गीत। इन दोनों गीतों में कम से कम दो बातें सामान थी, एक तो रफ़ी साहब की आवाज़, और दूसरा शंकर जयकिशन का संगीत। "ये मेरा प्रेम-पत्र" फ़िल्माया गया था राजेन्द्र कुमार पर और फ़िल्म 'कन्यादान' का यह गीत है शशी कपूर के अभिनय से सजा हुआ। जी हाँ, 'दस चेहरे एक आवाज़ - मोहम्मद रफ़ी' के अंतर्गत आज हम जिस चेहरे पर फ़िल्माये गीत से आप का रु-ब-रु करवा रहे हैं, वो शशी कपूर ही हैं। फ़िल्म 'कन्यादान' बनी थी सन् १९६८ में जिसमें शशी कपूर के साथ नायिका की भूमिका में थीं आशा पारेख। मोहन सहगल की यह फ़िल्म एक पारिवारिक सामाजिक फ़िल्म थी जिसका आधार था शादी, झूठ, तथा पुराने और नये ख़यालातों में द्वंद। फ़िल्म तो कामयाब थी ही, उसका गीत संगीत ...