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Showing posts from 2013

कुछ दिग्गज स्वर-शिल्पी, जिन्होने कबीर को गाया

    स्वरगोष्ठी – 148 में आज रागों में भक्तिरस – 16 ‘चदरिया झीनी रे बीनी...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी लघु श्रृंखला ‘रागों में भक्तिरस’ की सोलहवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत-रसिकों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। मित्रों, इस श्रृंखला के अन्तर्गत हम आपके लिए भारतीय संगीत के कुछ भक्तिरस प्रधान राग और कुछ प्रमुख भक्तिरस कवियों की रचनाएँ प्रस्तुत कर रहे हैं। साथ ही उस भक्ति रचना के फिल्म में किये गए प्रयोग भी आपको सुनवा रहे हैं। श्रृंखला की पिछली दो कड़ियों में हमने सोलहवीं शताब्दी की भक्त कवयित्री मीरा के दो पदों पर आपके साथ चर्चा की थी। आज की कड़ी में हम पन्द्रहवीं शताब्दी के सन्त कवि कबीर के व्यक्तित्व और उनके एक पद- ‘चदरिया झीनी रे बीनी...’ पर चर्चा करेंगे। कबीर के इस पद को भारतीय संगीत की हर शैली में गाया गया है। आज के अंक में पहले हम आपको यह पद राग चारुकेशी में निबद्ध, ध्रुवपद गायक गुण्डेचा बन्धुओं के स्वरों में सुनवाएँगे। इसके बाद यही पद सुविख्यात भजन गायक अनूप जलोटा राग देश में और अन्त में लोक स

रेडियो प्लेबैक की वार्षिक गीतमाला के शीर्ष ३ गीत : "तुम ही हो" को मिला सरताज गीत का खिताब

पायदान # ०३ - नगाड़े संग ढोल  पायदान # ०२ - भाग मिल्खा भाग  पायदान # ०१ (सरताज गीत) - तुम ही हो 

'तितली' बन उड़ते मन की कुछ 'अनकही' सी बातें

पायदान # ०५ - अनकही  पायदान # ०४ - तितली 

'कबीरा' की राह रोकती पुकार कहीं तो 'जिंदा' दिली से जीने की तरकीब कहीं

पायदान # ०७ - रे कबीरा मान जा...   पायदान # ०६ - जिंदा है तो... 

हिट परेड को मिला एक नया 'शुभारंभ' कहता हुआ 'चाहूँ मैं या न'

पायदान # ०९ - शुभारंभ पायदान # ०८ - चाहूँ मैं या न 

मीरा का एक और पद : विविध धुनों में

स्वरगोष्ठी – 147 में आज रागों में भक्तिरस – 15 ‘श्याम मने चाकर राखो जी...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी लघु श्रृंखला ‘रागों में भक्तिरस’ की पन्द्रहवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीतानुरागियों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। मित्रों, इस श्रृंखला के अन्तर्गत हम आपके लिए भारतीय संगीत के कुछ भक्तिरस प्रधान राग और उनमें निबद्ध रचनाएँ प्रस्तुत कर रहे हैं। साथ ही उस भक्ति रचना के फिल्म में किये गए प्रयोग भी आपको सुनवा रहे हैं। श्रृंखला की पिछली कड़ी में हमने सोलहवीं शताब्दी की भक्त कवयित्री के एक पद- ‘एरी मैं तो प्रेम दीवानी मेरा दर्द न जाने कोय...’ पर आपके साथ चर्चा की थी। आज की कड़ी में हम मीराबाई के साहित्य और संगीत पर चर्चा जारी रखते हुए एक और बेहद चर्चित पद- ‘श्याम मने चाकर राखो जी...’ सुनवाएँगे। इस भजन को विख्यात गायिका एम.एस. शुभलक्ष्मी, वाणी जयराम, लता मंगेशकर और चौथे दशक की एक विस्मृत गायिका सती देवी ने गाया है। इन चारो गायिकाओं ने मीरा का एक ही पद अलग-अलग धुनों में गाया है। आप इस भक्तिगीत के चारो स

'सिने पहेली' में आज फ़िल्मी सितारों का महाकुंभ

सिने पहेली –93 & 94 फ़िल्मी पहेलियों को सुलझाने में दिलचस्पी रखते वाले तमाम साथियों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार और बहुत बहुत स्वागत 'सिने पहेली' में। दोस्तों, जिस तरह से पिछली बार हमने दो कड़ियों को एक साथ मिलाकर 'सिने पहेली' के 92 और  93 वे  अंक प्रस्तुत किए थे, उसी प्रकार आज भी हम 'सिने पहेली' - 93  और 94 पेश कर रहे हैं। कारण? जी मामला कुछ ऐसा है कि अगले शनिवार 'सिने पहेली' का प्रसारण संभव नहीं हो सकेगा। इसलिए आज हम 10 के बजाय 20 अंकों के सवाल इकट्ठा पूछ लेंगे और आपको इस बार एक के बजाय दो सप्ताह का समय भी दिया जा रहा है अपने जवाब भेजने का। तो चलिए शुरू करते हैं आज की 'सिने पहेली'। आज की पहेली : गीत एक सितारे अनेक नीचे पाँच चित्र दिये गये हैं। हर चित्र में पाँच फ़िल्मी सितारे मौजूद हैं। आपको इन सितारों को ध्यान में रखते हुए हर चित्र के लिए एक फ़िल्मी गीत सुझाना है और साथ में तर्क भी देना है कि किस तरह से इन पाँच सितारों को आपने एक गीत में बाँधा है। यानी पाँच सवालों के लिय

आशिक की कराह कहीं तो कहीं राँझना का जश्न - पायदान ११ और १० पर

पायदान # ११ - सुन रहा है न तू  पायदान # १० - राँझना हुआ मैं तेरा  

तेरे मेरे बीच में है लाल इश्क, कह रहे हैं पायदान संख्या १३ और १२ पर ये गीत

पायदान # १३ तेरे मेरे बीच में  पायदान # १२ लाल इश्क 

कुछ नसीयत तो कुछ निदामत, पायदान संख्या १५ और १४ पर

पायदान # १५ - मत आजमा रे  पायदान # १४ - मोंटा रे 

पायदान संख्या १७ और १६ पर है एकछत्र राज आज के पंचम अमित त्रिवेदी का

पायदान # १७ - मुरब्बा  पायदान # १६ - माँजा 

विविध रागों में निबद्ध मीरा का एक भक्तिपद

स्वरगोष्ठी – 146 में आज रागों में भक्तिरस – 14 ‘एरी मैं तो प्रेम दीवानी मेरा दर्द न जाने कोय...’   ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी लघु श्रृंखला ‘रागों में भक्तिरस’ की चौदहवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीतानुरागियों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। मित्रों, जारी श्रृंखला के अन्तर्गत अब तक हम आपके लिए भारतीय संगीत के कुछ भक्तिरस प्रधान राग और उनमें निबद्ध रचनाएँ प्रस्तुत कर चुके हैं। साथ ही उस राग पर आधारित फिल्म संगीत के उदाहरण भी आपको सुनवा रहे हैं। श्रृंखला की आज की कड़ी में हम कुछ बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं। आज हम आपको भक्त कवयित्री मीराबाई का एक भजन प्रस्तुत करेंगे जिसे अलग-अलग गायिकाओं के स्वरों में और विभिन्न रागों में पिरोया गया है। हम आपको मीरा का यह कृष्णभक्ति से परिपूर्ण पद क्रमशः गायिका वाणी जयराम, लता मंगेशकर, गीता दत्त और सुमन कल्याणपुर की आवाज़ों में सुनवाएँगे। एक ही भजन को चार अलग-अलग आवाज़ों और धुनों में सुन कर आपको भजन की भावभिव्यक्ति और रस की ग्राह्यता में अन्तर करने का अव

'सिने पहेली' का अन्तिम सेगमेण्ट शुरू हो रहा है आज; सेगमेण्ट विनर बन कर कोई भी नया खिलाडी अब भी पहुँच सकता है महाविजेता बनने के महामुकाबले में...

सिने पहेली –91 & 92 'सिने पहेली' के सभी प्रतियोगियों औ़र पाठकों को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार। दोस्तों, हमें खेद है कि पिछले सप्ताह 'सिने पहेली' पोस्ट न हो सका। और हमें यह पता है कि आप सब बेसबरी से नवे सेगमेण्ट के विजेताओं के नाम जानने के लिए व्याकुल रहे होंगे। चलिए प्रतीक्षा की घड़ी समाप्त हुई और ये रहे सेगमेण्ट विजेताओं के नाम... प्रथम स्थान: विजय कुमार व्यास (बीकानेर) - 100% द्वितीय स्थान: प्रकाश गोविंद (लखनऊ) - 99% तृतीय स्थान: पंकज मुकेश (बेंगलुरू) - 78% आप तीनों को बहुत बहुत बधाई!!! साथ ही चन्द्रकान्त दीक्षित जी का भी बहुत बहुत धन्यवाद जिन्होने इस सेगमेण्ट के हर एपिसोड की पहेली में भाग लिया और अच्छा प्रदर्शन किया। यह रहा इस सेगमेण्ट का सम्मिलित स्कोर-कार्ड... नौ सेगमेण्ट की समाप्ति पर महाविजेता स्कोर-कार्ड की स्थिति कुछ इस तरह की बनी है, आइए एक नज़र डाल लें... अरे हाँ दोस्तों, मैं विजेताओं के नाम घोषित करने की ख़ुशी में मैं तो पिछली पहेली के सही जवाब बताना ही भूल बैठा। ये रहे पिछले सप्

गुलज़ार विशाल की 'यारियाँ' और मस्तों का झुण्ड आये हैं पायदान संख्या १९ और १८ पर

पायदान # १९ यारम  पायदान # १८ मस्तों का झुण्ड 

प्रीतम की पहली दस्तक २१ वीं पायदान पर और २० पर हैं अम्बरसरिया

पायदान # २१ - मैं रंग शरबतों का... पायदान # २० - अम्बरसरिया...

पायदान २३ पर आयुष्मान का जादू और २२ पर है एक कमचर्चित प्रविष्ठी

पायदान # २३ - साड्डी गली  पायदान # २२ - कैसे मिलूं मैं पिया 

२५ वीं पायदान पर प्रेम देहाती तो २४ वीं पर 'बेजुबान' हुए मोहित चौहान

पायदान # २५ - बादल उठ्यो... पायदान # २४ - बेजुबान

राग जोगिया में भक्तिरस

    स्वरगोष्ठी – 145 में आज रागों में भक्तिरस – 13  ‘हे नटराज गंगाधर शम्भो भोलेनाथ...’   ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी लघु श्रृंखला ‘रागों में भक्तिरस’ की तेरहवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीतानुरागियों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। मित्रों, जारी श्रृंखला के अन्तर्गत हम आपके लिए भारतीय संगीत के कुछ भक्तिरस प्रधान राग और उनमें निबद्ध रचनाएँ प्रस्तुत कर रहे हैं। साथ ही उस राग पर आधारित फिल्म संगीत के उदाहरण भी आपको सुनवा रहे हैं। श्रृंखला की आज की कड़ी में हम आपसे राग जोगिया में उपस्थित भक्तिरस पर चर्चा करेंगे। आपके समक्ष इस राग के भक्तिरस-पक्ष को स्पष्ट करने के लिए हम तीन भक्तिरस से पगी रचनाएँ प्रस्तुत करेंगे। सबसे पहले हम 1965 में प्रदर्शित फिल्म ‘संगीत सम्राट तानसेन’ का राग जोगिया पर आधारित एक शिव-स्तुति और इसके बाद विदुषी कला रामनाथ का वायलिन पर बजाया राग जोगिया प्रस्तुत करेंगे। अन्त में इसी राग पर आधारित कन्नड के सुप्रसिद्ध संगीतज्ञ और सन्त पुरन्दर दास की भक्ति रचना नचिकेता शर्मा के स्वरों में आ