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द = देह, दरद, और दिल (बोलती कहानियाँ सीज़न 1) पॉडकास्ट # 24

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ ' बोलती कहानियाँ ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। बोलती कहानियाँ (सीज़न 1) केे पॉडकास्ट # 24 में आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं विभारानी की मर्मस्पर्शी कथा " द = देह, दरद, और दिल ", रीतेश खरे के स्वर में, सम्पादन व ध्वनि मुद्रण विकेश खरे द्वारा। * सम्पादकीय चेतावनी: वयस्क विषय * हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी गरज, कि उनको सुंदर बीवी का आग्रह भी नहीं था। ( विभारानी की "द = देह, दरद, और दिल" से एक अंश ) यूट्यूब पर सुनिये गाना पर सुनिये जियो सावन एंकर पर सुनिये गूगल पॉडकास्ट पर सुनिये स्पॉटिफ़ाइ पर सुनिये ऐपल पॉडकास्ट एमेज़ॉन म्यूज़िक प्राइम कहानी " द = देह, दरद, और दिल " का कुल प्रसारण समय 21 मिनट 4 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना ...

महफ़िल ए कहकशां -23, "सातों बार बोले बंसी" जैसे नगीनों से सजी है आज की "गुलज़ार-आशा-पंचम"-मयी महफ़िल

महफ़िल ए कहकशाँ 23 पंचम, आशा ताई और गुलज़ार  दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज पेश है गुलज़ार, राहुल देव बर्मन और आशा भोसले की तिकड़ी के सुरीले संगम से निकला एक नगमा 'दिल पडोसी है' एल्बम से|  मुख्य स्वर - पूजा अनिल, रीतेश खरे एवं सजीव सारथी  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

महफ़िल ए कहकशां -22, अपने पडो़सी दिल से भीनी-भीनी भोर की माँग कर बैठे गोटेदार गुलज़ार साहब, आशा जी एवं राग तोड़ी वाले पंचम दा

महफ़िल ए कहकशाँ 22 पंचम, आशा ताई और गुलज़ार  दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज पेश है गुलज़ार, राहुल देव बर्मन और आशा भोसले की तिकड़ी के सुरीले संगम से निकला एक नगमा 'दिल पडोसी है' एल्बम से|  मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

मल्लिका ए तरन्नुम नूरजहाँ से आज की महफ़िल में सुनेंगे आदमी की पहचान कैसे हो

महफ़िल ए कहकशाँ 21 नूरजहाँ  दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज पेश है मुज्ज़फर वारसी की लिखी नज़्म  मल्लिका ए तरन्नुम नूरजहाँ  की आवाज़ में|  मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

लगता नहीं है जी मेरा उजड़े दयार में.. मादर-ए-वतन से दूर होने के ज़फ़र के दर्द को हबीब की आवाज़ ने कुछ यूँ उभारा

महफ़िल ए कहकशाँ 20 बहादुर शाह ज़फ़र  दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज पेश है आखिरी मुग़ल बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र की लिखी मशहूर गज़ल "लगता नहीं जी मेरा उजड़े दयार में" हबीब वली मोहम्मद की आवाज़ में|  मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

चाहा था एक शख़्स को... कहकशाँ-ए-तलबगार में आशा की गुहार

महफ़िल ए कहकशाँ 19 आशा भोंसले और खय्याम  दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज पेश है आशा भोंसले की आवाज़ में एक गज़ल, मौसिकार हैं खय्याम और कलाम है हसन कमाल का |   मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

परीशाँ हो के मेरी ख़ाक आख़िर दिल न बन जाए.. पेश-ए-नज़र है अल्लामा इक़बाल का दर्द मेहदी हसन की जुबानी

महफ़िल ए कहकशाँ 18 दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज पेश है मोहम्मद अल्लामा इकबाल की लिखी गज़ल मेहदी हसन की आवाज़ में|   मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी इस ऑडियो को आप यहाँ से डाउनलोड भी कर सकते हैं| लिंक पर राइट क्लिक करके सेव एज का आप्शन चुनें| allamaiqbal.mp3

महफ़िल ए कहकशां - 17, मेरा दिल तड़पे दिलदार बिना.. राहत साहब की दर्दीली आवाज़ में इस ग़मनशीं नज़्म का असर हज़ार गुणा हो जाता है

महफ़िल ए कहकशाँ 17   राहत फ़तेह अली खान दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज पेश है राहत फ़तेह अली खान की आवाज़ में एक पंजाबी नगमा|  मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

मोहब्बत की कहानी आँसूओं में पल रही है.. सज्जाद अली ने शहद-घुली आवाज़ में थोड़ा-सा दर्द भी घोल दिया है

महफ़िल ए कहकशाँ 16 सज्जाद अली  दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज पेश है पाकिस्तानी गायक सज्जाद अली की आवाज़ में एक नज़्म|  मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

इसी को प्यार कहते हैं.. प्यार की परिभाषा बता रहे हैं हसरत जयपुरी और हुसैन बंधु

महफ़िल ए कहकशाँ 15 दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज पेश है गीतकार व शायर हसरत जयपुरी की लिखी नज़्म हुसैन बंधुओं की आवाज़ में|  मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

है जिसकी रंगत शज़र-शज़र में, ख़ुदा वही है.. कविता सेठ ने सूफ़ियाना कलाम की रंगत ही बदल दी हैं

महफ़िल ए कहकशाँ 14 कविता सेठ  दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में   आज पेश है कविता सेठ की आवाज़ में यह सूफी नज़्म| मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

यह ऐसी प्यास है जिसे मुद्दत से मिले मयखाना... सुनते हैं फिर एक बार जगजीत सिंह को

महफ़िल ए कहकशाँ 13 जगजीत सिंह  दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में   आज पेश है हस्ती की गज़ल और जगजीत सिंह की आवाज़| मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

आओ फिर से दिया जलाएं.... आव्हान उन सबके लिए जो किसी भी तरह की प्रेरणा चाहते हैं

महफ़िल ए कहकशाँ 12 अटल बिहारी वाजपेयी और लता मंगेशकर  दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में   आज पेश है लता मंगेशकर की आवाज़ में अटल बिहारी वाजपेयी की नज़्म| मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

नाज़ था खुद पर मगर ऐसा न था...... 'कहकशाँ’ में आज छाया की माया

 महफ़िल ए कहकशाँ 11 छाया गाँगुली  दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में   आज पेश है छाया गाँगुली की आवाज़, इब्राहिम अश्क के बोल और भूपिंदर सिंह का संगीत । मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

छल्ला कालियां मर्चां, छल्ला होया बैरी.. छल्ला से अपने दिल का दर्द बताती विरहणी को आवाज़ दी शौक़त अली ने

शौकत अली  महफ़िल ए कहकशाँ 10 दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में  आज पेश है  पंजाबी लोक-संगीत ’छल्ला’ का एक रूप, गायक शौक़त अली की आवाज़ में। मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

तुम बोलो कुछ तो बात बने....जगजीत-चित्रा की दिली ख़्वाहिश आज ’कहकशाँ’ में

जगजीत सिंह चित्रा सिंह  महफ़िल ए कहकशाँ 9 दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज पेश है जगजीत सिंह और चित्रा सिंह की युगल आवाज़ों में शमिम करबानी का कलाम। मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

आज की महफ़िल में सुनिए क्यों संगीतकार खय्याम दस वर्ष की छोटी उम्र में घर से भाग गए?

खय्याम  महफ़िल ए कहकशाँ 8 दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज सुनिए आशा भोंसले की गाई और खय्याम साहब द्वारा संगीतबद्ध यह ग़ज़ल | मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी