भूमिका हिंदी फ़िल्म संगीत के हर दौर में कुछ निर्दिष्ट गायकों ने राज किया है और हर पीढ़ी में हम गिने चुने गायकों का नाम भी ले सकते हैं जो अपने दौर में पूरी तरह से छाये रहे, अपने दौर का जिन्होने प्रतिनिधित्व किया। लेकिन आज फ़िल्म संगीत का जो दौर चला है, उसमें एक दम से इतने सारे नये गायक आ गये हैं कि हिसाब रखना मुश्किल हो रहा है कि कौन सा गीत किस गायक ने गाया है। बहुत ही कम समय में इतने सारे गायकों के आ जाने से जहाँ एक तरफ़ प्रतियोगिता बहुत ज़्यादा बढ़ गयी है, वहीं दूसरी तरफ़ नयी नयी आवाज़ों से फ़िल्म संगीत में एक नयी ताज़गी भी आयी है। कुछ भी हो, इतना ज़रूर साफ़ है कि इन बहुत सारी आवाज़ों में वही आवाज़ें बहुत आगे तक जा पायेंगी जिनमें कुछ अलग हटके बात हो! एक समय ऐसा था जब नये गायक पुराने ज़माने के दिग्गज गायकों की आवाज़ को अपनी गायिकी का आधार बनाकर इस क्षेत्र में क़दम रखते थे और सफलता भी हासिल करते थे, लेकिन आज उस तरह से बात बिल्कुल नहीं बनेगी। आज वही आवाज़ मशहूर है जो दूसरों से अलग है, जुदा है। यह एक अच्छा लक्षण है कि आज के युवा गायक शुरु से ही अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ...