अंक - 62 हिन्दी फ़िल्मों के महिला गीतकार (भाग-1) "अंबर की एक पाक सुराही..." ’रेडियो प्लेबैक इंडिया’ के सभी पाठकों को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार! फ़िल्म जगत एक ऐसा उद्योग है जो पुरुष-प्रधान है। अभिनेत्रियों और पार्श्वगायिकाओं को कुछ देर के लिए अगर भूल जाएँ तो पायेंगे कि फ़िल्म निर्माण के हर विभाग में महिलाएँ पुरुषों की तुलना में ना के बराबर रही हैं। जहाँ तक फ़िल्मी गीतकारों और संगीतकारों का सवाल है, इन विधाओं में तो महिला कलाकारों की संख्या की गिनती उंगलियों पर की जा सकती है। आज ’चित्रकथा’ में हम एक शोधालेख लेकर आए हैं जिसमें हम बातें करेंगे हिन्दी फ़िल्म जगत के महिला गीतकारों की, और उनके द्वारा लिखे गए यादगार गीतों की। आज का यह अंक समर्पित है महिला फ़िल्म गीतकारों को! अ गर यह पूछा जाए कि किस महिला गीतकार की रचनाएँ सबसे ज़्यादा फ़िल्मों में सुनाई दी हैं, तो शायद इसका सही जवाब होगा मीराबाई। एक तरफ़ जहाँ यह एक सुन्दर और मन को शान्ति प्रदान करने वाली बात है, वहीं दूसरी ओर यह एक दुर्भाग्यजनक बात भी है कि जिस दे