Skip to main content

Posts

Showing posts with the label lab pe aati hai dua

मेरे अल्लाह...बुराई से बचाना मुझको....इस दुआ के साथ ईद मुबारक

हिन्दयुग्म की हरदम ये कोशिश रही है कि हिन्दी को हौसला देने वाले नए चेहरे ढूंढें जाएँ.....नाज़िम नक़वी हिन्दयुग्म से जुड़ने वाली ऐसी ही हस्ती हैं...पिछले कुछ महीनों से वो हिन्दयुग्म की कोशिशों में अपना हाथ बंटाने को लेकर गंभीर थे......तो, हमने सोचा क्यूँ न ईद के मुबारक मौके पर उन्हें अपने पाठकों के सामने प्रस्तुत किया जाए... परिचय के नाम पर यही कहना मुनासिब है कि पत्रकारिता को दुकानदारी न समझने वाले चंद बचे-खुचे नामों में एक हैं... आप भी ईद के मौके पर उनके इस आलेख को दिल में उतारिये और हिन्दयुग्म पर इनका स्वागत कीजिये.....आपकी टिप्पणियों का भी इंतज़ार रहेगा.... आप सबको ईद की मुबारकबाद....मुन्नवर जी का ये शेर याद आ रहा है.. "बच्चे भी ग़रीबी को समझने लगे शायद, अब जाग भी जाते हैं तो सहरी नहीं खाते.... " "तुम गले से आ मिलो, सारा गिला जाता रहे" ईद हमारी गंगा-जमनी तहज़ीब के उन ख़ास त्योहारों में से है जिन्हें सदियों से हम साथ मनाते आ रहे हैं। लेकिन 21वीं सदी के इस माहौल में चाहे ईद हो या दीवाली, सिर्फ़ रस्में अदा हो रही हैं। किसी शायर का ये शेर ऐसे ही हालात का आइना है – मि...