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आ नीले गगन तले प्यार हम करें....प्रेम में मगन दो प्रेमियों के दिल की जुबाँ

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 115 फ़ि ल्मकार अमीय चक्रवर्ती और संगीतकार शंकर जयकिशन का बहुत सारी फ़िल्मों में साथ रहा। यह सिलसिला शुरु हुई थी सन् १९५१ में फ़िल्म 'बादल' से। इसके बाद १९५२ में 'दाग़', १९५३ में 'पतिता' और १९५४ में 'बादशाह' जैसी सफल फ़िल्मों में यह सिलसिला जारी रहा। आज 'ओल्ड इज़ गोल्ड' में इसी फ़िल्म 'बादशाह' का एक बेहद ख़ूबसूरत युगल गीत पेश है लता मंगेशकर और हेमन्त कुमार की आवाज़ों में। 'अनारकली' और 'नागिन' जैसी हिट फ़िल्मों के बाद हेमन्त दा की आवाज़ प्रदीप कुमार का 'स्क्रीन वायस' बन चुका था। इसलिए शंकर जयकिशन ने भी इन्ही से प्रदीप कुमार का पार्श्वगायन करवाया। प्रस्तुत गीत "आ नीले गगन तले प्यार हम करें, हिलमिल के प्यार का इक़रार हम करें" एक बेहद नर्मोनाज़ुक रुमानीयत से भरा नग़मा है जिसे सुनते हुए हम जैसे कहीं बह से जाते हैं। रात का सन्नाटा, खोया खोया सा चाँद, धीमी धीमी बहती बयार, नीले आसमान पर चमकते झिलमिलाते सितारे, ऐसे में दो दिल अपने प्यार का इज़हार कर रहे हैं एक दूसरे के बाहों के सहारे। रोम