ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 116 ह मारी फ़िल्मों में कुछ चरित्र ऐसे होते हैं जो मूल कहानी के पात्र तो नहीं होते लेकिन जिनकी उपस्तिथि फ़िल्म को और ज़्यादा मनोरंजक बना देती है। इस तरह के चरित्र को निभाने में फ़िल्म जगत के कई छोटे बड़े कलाकारों का हमेशा से हाथ रहा है। इनमें से कुछ हास्य कलाकार हैं तो कुछ नृत्यांगनायें, और कुछ सामान्य चरित्र अभिनेतायें। आज हम 'ओल्ड इज़ गोल्ड' में पहली बार ज़िक्र कर रहे हैं एक ऐसी ही चरित्र अभिनेत्री का जिन्होने अपनी नृत्य कला के ज़रिये, ख़ासकर ४० और ५० के दशकों में, दर्शकों के दिलों पर राज किया। हम बात कर रहे हैं अभिनेत्री कुक्कू (Cuckoo) की। आज सुनिये इन्ही पर फ़िल्माया हुआ राज कपूर की फ़िल्म 'आवारा' का गीत "एक दो तीन आजा मौसम है रंगीन"। आज जब मौका हाथ लगा है तो क्यों न आपको इस अभिनेत्री और नर्तकी के बारे में थोड़ी विस्तार से बताया जाये! कुक्कू का ३० सितम्बर १९८१ को केवल ५२ वर्ष की आयु में फ़ेफ़ड़े के केन्सर के कारण निधन हो गया था। वो अविवाहित 'प्रोटेस्टेण्ट' थीं। सन् १९४६ की 'अरब का सितारा' एवं 'सर्कस किंग' फ...