दोस्तो, हर महीने के पहले और तीसरे मंगलवार को आवाज़ लेकर आता है एक कहानी-गीतों की जुबानी। इस कार्यक्रम के माध्यम से हम अपने श्रोताओं को रेडियो के उसी जमाने में पहुँचा देना चाहते हैं जब पूरा हिन्दुस्तान एक साथ एक कहानी को फिल्मों गीतों के माध्यम से ग्रहण करता था। 19वाँ पुस्तक मेला में हमने अपनी विवरण पुस्तिका में इस बात का ज़िक्र किया कि जल्द ही हम एक वेबरेडियो लॉन्च करेंगे। यह पाक्षिक वेबरेडियो उसी की एक टेस्टिंग है। आज की कहानी गौरव शर्मा की है। आवाज़ हमेशा की तरह अपराजिता कल्याणी की है और तकनीक खुश्बू की है। नीचे के प्लेयर से सुनें- आप भी चाहें तो भेज सकते हैं कहानी लिखकर गीतों के साथ, जिसे दूंगी मैं अपनी आवाज़! जिस कहानी पर मिलेगी शाबाशी (टिप्पणी) सबसे ज्यादा उनको मिलेगा पुरस्कार हर माह के अंत में 500 / नगद राशि। हाँ यदि आप चाहें खुद अपनी आवाज़ में कहानी सुनाना तो आपका स्वागत है.... 1) कहानी मौलिक हो। 2) कहानी के साथ अपना फोटो भी ईमेल करें। 3) कहानी के शब्द और गीत जोड़कर समय 35-40 मिनट से अधिक न हो, गीतों की संख्या 7 से अधिक न हो।। 4) आप गीतों की सूची और साथ में उनका mp3 भी भेजें। ...