गाना: चाँदी की दीवार न तोड़ी चित्रपट: विश्वाश संगीतकार: कल्याण जी, आनन्द जी गीतकार: गुलशन बावरा स्वर: मुकेश चाँदी की दीवार न तोड़ी, प्यार भरा दिल तोड़ दिया इक धनवान की बेटी ने, निर्धन का दामन तोड़ दिया चाँदी की ... कल तक जिसने क़समें खाईं, दुख में साथ निभाने की आज वो अपने सुख की खातिर, हो गई इक बेगाने की शहनाइयों की गूंज में दबके, रह गई आह दीवाने की धनवानों ने दीवाने का, ग़म से रिश्ता जोड़ दिया इक धनवान की बेटी ने, निर्धन का दामन तोड़ दिया चाँदी की ... ये क्या समझे प्यार को जिनका, सब कुछ चाँदी सोना है धनवानों की इस दुनिया में, दिल तो एक खिलौना है सदियों से दिल टूटता आया, दिल का बस ये रोना है जब तक चाहा दिल से खेला, और जब चाहा तोड़ दिया इक धनवान की बेटी ने, निर्धन का दामन तोड़ दिया चाँदी की ...