ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 419/2010/119 दो स्तों, दुर्लभ गीत उसे कहा जाता है जिसे आसानी से प्राप्त न किया जा सके। या फिर उस गीत की कुछ ऐसी विशेषताएँ होंगी जो बहुत रेयर हैं, जैसे कि मान लीजिए किसी गीत को ऐसे दो गायकों ने गाए हैं जिनका गाया वह एकमात्र गीत है। उस गीत को भी दुर्लभ माना जा सकता है जिसे किसी ग़ैर पारम्परिक गायक ने गाया हो, या बहुत ही कमचर्चित किसी गायक, संगीतकार या गीतकार की वह कृति हो। फ़िल्म के ना चलने से फ़िल्म के गानें भी कहीं खो जाते हैं और बन जाते हैं दुर्लभ। दुर्लभ गीत की परिभाषा अलग अलग लोगों के लिए अलग अलग हो सकती है। हमने 'ओल्ड इज़ गोल्ड' की इस शृंखला में कोशिश की है कि इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए गीतों का चयन करें। अब इसमें हम कितने सफल हुए हैं और कितने असफल यह तो आप की राय से ही हमें पता चल सकता है। ख़ैर, आज हम एक बेहद कमचर्चित गायिका का गाया हुआ एक गीत लेकर इस महफ़िल में उपस्थित हुए हैं। ये गायिका हैं कृष्णा कल्ले। आप सभी ने इस गायिका का नाम सुना है, लेकिन अगर मैं आपको इनका गाया हुआ कोई गीत याद करने को कहूँ तो आप में से कई लोगों को थोड़ा वक़्त लेने ...