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चित्रकथा - 9: शकील बदायूंनी के लिखे फ़िल्मी होली गीत

अंक - 9 शकील बदायूंनी के लिखे फ़िल्मी होली गीत “ लायी है हज़ारों रंग होली... ” 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। समूचे विश्व में मनोरंजन का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम सिनेमा रहा है और भारत कोई व्यतिक्रम नहीं है। बीसवीं सदी के चौथे दशक से सवाक् फ़िल्मों की जो परम्परा शुरु हुई थी, वह आज तक जारी है और इसकी लोकप्रियता निरन्तर बढ़ती ही चली जा रही है। और हमारे यहाँ सिनेमा के साथ-साथ सिने-संगीत भी ताल से ताल मिला कर फलती-फूलती चली आई है। सिनेमा और सिने-संगीत, दोनो ही आज हमारी ज़िन्दगी के अभिन्न अंग बन चुके हैं। हमारी दिलचस्पी का आलम ऐसा है कि हम केवल फ़िल्में देख कर या गाने सुनने तक ही अपने आप को सीमित नहीं रखते, बल्कि फ़िल्म संबंधित हर तरह की जानकारियाँ बटोरने का प्रयत्न करते रहते हैं। इसी दिशा में आपके हमसफ़र बन कर हम आ रहे हैं हर शनिवार ’चित्रकथा’ लेकर। ’चित्रकथा’ एक ऐसा स्तंभ है जिसमें बातें होंगी चित्रपट की और चित्रपट-संगीत की। फ़िल्म और फ़िल्म-संगीत से जुड़े विषयों से सुसज्जित इस पाठ्य स्तंभ के पहले अंक में आपका ह...

८ मार्च - आज का गाना

गाना:  होली आयी रे कन्हाई, होली आयी रे चित्रपट: मदर इंडिया संगीतकार: नौशाद अली गीतकार: शकील बदायूंनी गायिका: शमशाद बेगम और साथी श : होली आयी रे कन्हाई, होली आयी रे       होली आयी रे कन्हाई       रंग छलके सुना दे ज़रा बांसरी को (स्त्री) : होली आयी रे कन्हाई              रंग छलके सुना दे ज़रा बांसरी को (पु) : होली आयी रे, आयी रे, होली आयी रे श : बरसे गुलाल रंग मोरे आंगनवा       अपने ही रंग में रंग दे मोहे सजनवा को (पु) : हो देखो नाचे मोरा मनवा को (स्त्री) : बरसे गुलाल रंग मोरे आंगनवा, जी मोरे आंगनवा              अपने ही रंग में रंग दे मोहे सजनवा श : तोरे कारन घरसे आई, तोरे कारन हो       तोरे कारन घरसे आई       हूँ निकलके सुना दे ज़रा बांसरी को (स्त्री) : होली आयी रे कन्हाई              रंग छलके सुना दे ज़रा बांसरी को (पु) : होली आयी रे, आयी रे, होली आयी रे श : छुटे ना रंग ऐ...