"नीले गगन के तले धरती का प्यार पले" - कैसे न बनती साहिर और रवि की सुरीली जोड़ी जब दोनों की राशी एक है!!
मशहूर गीतकार - संगीतकार जोड़ियों में साहिर लुधियानवी और रवि की जोड़ी ने भी फ़िल्म-संगीत के ख़ज़ाने को बेशकीमती रत्नों से समृद्ध किया है। कैसे न बनती यह अनमोल जोड़ी जब दोनों की जन्मतिथि लगभग साथ-साथ हैं? ३ मार्च को रवि और ८ मार्च को साहिर के जन्मदिवस को ध्यान में रखते हुए आज 'एक गीत सौ कहानियाँ' की दसवीं कड़ी में चर्चा इस जोड़ी की एक कलजयी रचना की, सुजॉय चटर्जी के साथ... एक गीत सौ कहानियाँ # 10 फ़िल्म जगत में गीतकार-संगीतकार की जोड़ियाँ शुरुआती दौर से ही बनती चली आई हैं। उस ज़माने में भले स्टुडियो कॉनसेप्ट की वजह से यह परम्परा शुरु हुई हो, पर स्टुडियो सिस्टम समाप्त होने के बाद भी यह परम्परा जारी रही और शक़ील-नौशाद, शलेन्द्र-हसरत-शंकर-जयकिशन, मजरूह-नय्यर, मजरूह-सचिन देव बर्मन, साहिर-सचिन देव बर्मन, साहिर-रवि, गुलज़ार-पंचम, समीर-नदीन-श्रवण, स्वानन्द-शान्तनु जैसी कामयाब गीतकार-संगीतकार जोड़ियाँ हमें मिली। इस लेख में आज चर्चा साहिर-रवि के जोड़ी की। कहा जाता है कि जिन लोगों की राशी एक होती हैं, उनके स्वभाव में, चरित्र में, कई समानतायें पायी जाती हैं और एक राशी के दो लोगों मे...