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लघु फिल्म "इन्बोक्स" में संगीत है बालमुरली बालू का

दोस्तों कल विश्व पर्यावरण दिवस था, और हमारे प्लेबैक इंडिया संगीतकार बालमुरली बालू ने कुछ समय पहले इसी मुहीम का समर्थन करते हुए एक गीत रचा था " Go Green ", जिसे आप यहाँ सुन सकते हैं. वैसे बालमुरली प्लेबैक इंडिया के लिए इससे पहले " बुलबुला " गीत भी रच चुके हैं. आप सोच रहे होंगें कि आज हम बालमुरली का जिक्र क्यों यहाँ कर रहे हैं. दरअसल हमें खुशी और फक्र दोनों है इस बात का कि हमारे ये सभी संगीतकार आजकल कुछ नया, कुछ अलग और कुछ बड़ा कर रहे हैं जिसमें उनकी काबलियत और भी खुल के निखर रही है. अभी हाल ही में बाला ने एक लघु फिल्म के लिए पार्श्व संगीत दिया है. आज हम येही लघुफिल्म आपके साथ बांटना चाहते हैं. इस फिल्म की एक और खासियत है कि इसमें कोई संवाद नहीं है. 'Inbox' is a Fantasy / Love story made for Naalaya Iyakunar Season 3, winning the Best short film of the week and Best actor awards in the Fantasy round. Sometimes silence speaks more than words. 'Inbox' is a short film with no dialogues at all. Cast Karthik Yogi Shwetha Gupta Written and Directed by

Go Green- दुनिया और पर्यावरण बचाने की अपील- आवाज़ का एक अंतरराष्ट्रीय गीत

हिन्द-युग्म ने इंटरनेट की दुनिया में शुक्रवार की एक नई परम्परा विकसित की है, जिसके अंतर्गत शुक्रवार के दिन इंटरनेटीय जुगलबंदी से रचे गये संगीतबद्ध गीत का विश्वव्यापी प्रदर्शन होता है। हिन्द-युग्म ने संगीत की इस नई और अनूठी परम्परा को देश से निकालकर विदेश में भी स्थापित किया है। वर्ष 2009 में आवाज़ ने भारत में स्थित रूसी दूतावास के लिए भारत-रूस मित्रता के लिए एक गीत 'द्रुज्बा' बनाया था। वह हमारा पहला प्रोजेक्ट था जिसमें हमने एक से अधिक देश की संवेदनाओं को सुरबद्ध किया था। आज हम एक ऐसा गीत लेकर आये हैं, जिसमें अंतर्निहित संवेदनाएँ, चिंताएँ और सम्भावनाएँ वैश्विक हैं। पूरी दुनिया हरियाली के भविष्य को लेकर चिंतित है। यह चिंता पर्यावरणवादियों को खाये जा रही है कि बहुत जल्द पुरी दुनिया फेफड़े भर हवा के लिए मरेगी-कटेगी। हम सब की यह जिम्मेदारी है कि अपनी आने वाली पीढ़ियों को हम कम से कम एक ऐसी दुनिया दे जिसमें हवा-पानी की लड़ाई न हो। शायद इसीलए जो थोड़ा भी संजीदा है, वे 'गो ग्रीन' के साथ है। हमने इस बार फ्यूजन के माध्यम से इसी संदेश को ताज़ा किया है। शास्त्रीय संगीत और पश्विमी

जीवन एक बुलबुला है, मानते हैं बालमुरली बालू, ह्रिचा मुखर्जी और सजीव सारथी

Season 3 of new Music, Song # 09 तीसरे सत्र के नौवें गीत के साथ हम हाज़िर हैं एक बार फिर. सजीव सारथी की कलम का एक नया रंग है इसमें, तो इसी गीत के माध्यम से आज युग्म परिवार से जुड रहे हैं दो नए फनकार. अमेरिका में बसे संगीतकार बालामुरली बालू और अपने गायन से दुनिया भर में नाम कमा चुकी ह्रिचा हैं ये दो मेहमान. वैश्विक इंटरनेटिया जुगलबंदी से बने इस गीत में जीवन के प्रति एक सकारात्मक रुख रखने की बात की गयी है, लेकिन एक अलग अंदाज़ में. गीत के बोल - रोको न दिल को, उड़ने दो खुल के तुम, जी लो इस पल को, खुश होके आज तुम, कोशिश है तेरे हाथों में मेरे यार, हंसके अपना ले हो जीत या हार, बुलबुला है बुलबुला / दो पल का है ये सिलसिला/ तू मुस्कुरा गम को भुला अब यार, सिम सिम खुला / हर दर मिला, होता कहाँ ऐसा भला / तो क्यों करे कोई गिला मेरे यार, सपनें जो देखते हों तो, सच होंगें ये यकीं रखो, just keep on going on and on, एक दिन जो था बुरा तो क्या, आएगा कल भी दिन नया, don't think that u r all alone, कोई रहबर की तुझको है क्यों तलाश, जब वो खुदा है हर पल को तेरे पास, कुछ तो है तुझमें बात ख़ास, बुलबुला है बुल