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रविवार सुबह की कॉफी और जश्न-ए-आजादी पर जोश से भरने वाला एक अप्रकाशित दुर्लभ गीत रफ़ी साहब का गाया - लहराओ तिरंगा लहराओ

रात कुछ अजीब थी सच कहूँ तो रात चाँदनी ऐसे लग रही थी जैसे आकाश से फूल बरसा रही हो और बादल समय समय पर इधर उधर घूमते हुए सलामी दे रहे हों. और सुबह सुबह सूरज की किरणों की भीनी भीनी गर्मी एक अलग ही अंदाज़ मे अपनी चह्टा बिखेर रही थी. ऐसा लग रहा था के जैसे ये सब अलमतें हमें किसी ख़ास दिन का एहसास क़रना चाहते हैं. रात कुछ अजीब थी सच कहूँ तो रात चाँदनी ऐसे लग रही थी जैसे आकाश से फूल बरसा रही हो और बादल समय समय पर इधर उधर घूमते हुए सलामी दे रहे हों. और सुबह सुबह सूरज की किरणों की भीनी भीनी गर्मी एक अलग ही अंदाज़ मे अपनी छटा बिखेर रही थी. ऐसा लग रहा था के जैसे ये सब अलमतें हमें किसी ख़ास दिन का एहसास क़रना चाहते हैं. शायद आज सचमुच कोई ख़ास दिन ही तो है और ऐसा ख़ास दिन कि जिसकी तलाश करते हुए ना जाने कितनी आँखें पथरा गयीं, कितनी आँखें इसके इंतज़ार मे हमेशा के लिए गहरी नींद मे सो गयीं. आज हमारे द्वारा 15 ऑगस्ट को मनाने का अंदाज़ सिर्फ़ कुछ भाषण होते हैं या फिर तिरंगे को फहरा देना कुछ देशभक्ति गीत बजाना जो सिर्फ़ इसी दिन के लिए होते हैं. मुझे याद आ रहा है के 90 के दशक की शुरुआत मे 1 हफ्ते पहले ही से

ये कौन आता है तन्हाईयों में जाम लिए.. मख़्दूम मोहिउद्दीन के लफ़्ज़ औ' आबिदा की पुकार..वाह जी वाह!

महफ़िल-ए-ग़ज़ल #९३ दि न से महीने और फिर बरस बीत गये फिर क्यूं हर शब तन्हाई आंख से आंसू बनकर ढल जाती है फिर क्यूं हर शब तेरे शे’र तेरी आवाज गूंजा करती है फजाओं में आसमानों में मुझे यूं महसूस होता है जैसे तू हयात बन गया है और मैं मर गया हूं। अपने पिता "मख़्दूम मोहिउद्दीन" को याद करते हुए उनके जन्म-शताब्दी के मौके पर उनके पुत्र "नुसरत मोहिउद्दीन" की ये पंक्तियाँ मख़्दूम की शायरी के दीवानों को अश्कों और जज़्बातों से लबरेज कर जाती हैं। मैंने "मख़्दूम की शायरी के दीवाने" इसलिए कहा क्योंकि आज भी हममें से कई सारे लोग "मख़्दूम" से अनजाने हैं, लेकिन जो भी "मख्दूम" को जानते हैं उनके लिए मख़्दूम "शायर-ए-इंक़लाब" से कम कुछ भी नहीं। जिसने भी "मख़्दूम" की शायरी पढी या सुनी है, वह उनका दीवाना हुए बिना रह नहीं सकता। हैदराबाद से ताल्लुक रखने वाला यह शायर "अंग्रेजों" और "निज़ाम" की मुखालफ़त करने के कारण हमेशा हीं लोगों के दिलों में रहा है। उर्दू अदब में कई सारे ऐसे शायर हुए हैं, जिन्हें बस लिखने से काम था, तो कई ऐसे

ताक़त वतन की हमसे है, हिम्मत वतन की हमसे है.....जय भारत के वीर जवान,जय जय हिंदुस्तान...

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 172 ह मारा देश आज अपना ६३-वाँ स्वाधीनता दिवस मना रहा है। इस ख़ास पर्व पर हम सभी श्रोताओं व पाठकों का हार्दिक अभिनंदन करते हैं। आज ही के दिन सन् १९४७ में दिल्ली के लाल क़िले की प्राचीर पर नेहरु जी ने पहली बार स्वतंत्र भारत में तिरंगा लहराया था। जिस तरह से तिरंगे की तीन रंगों, गेरुआ, सफ़ेद और हरा, का अपना अपना अर्थ है, महत्व है, इन्ही तीन रंगों के महत्व को उजागर करते हुए आज से अगले तीन दिनों की 'ओल्ड इज़ गोल्ड' की महफ़िल सजेगी। पहला रंग है गेरुआ, यानी कि वीरता का, या वीर रस का। इतिहास गवाह है हम भारतीयों की वीरता का। जब जब देश पर विपदा आन पड़ी है, इस देश के वीर जवानों ने तब तब अपनी जान की परवाह किए बग़ैर देश को हर संकट से उबारा है। फिर चाहे वह दुश्मनों का आक्रमण हो या कोई प्राकृतिक विपदा। ज़्यादा पीछे जाने की ज़रूरत नहीं, हाल ही में मुंबई आतंकी हमलों के दौरान हमारे जवानों ने जो वीरता दिखायी है कि हमारा सर श्रद्धा से उनके आगे झुक जाता है। तो दोस्तों, वीरता हमारे देश की परंपरा रही है, लेकिन वीर होने का अर्थ हमारा कदापि यह नहीं कि दूसरों पर हम वार करें। इतिह

कृष्णा...अल्लाह...जीसस...

आज़ादी दिवस पर दो नायाब वीडियो खुदा ने इंसान को बनाया, इंसान ने मजहब. और फ़िर मजहबों, खुदाओं और इंसानों ने मिलकर बाँट ली जमीनें, और खींच दी सरहदें दिलों के दरमियाँ...कल ६१ वीं बार आज़ाद भारत में, लहराएगा तिरंगा लालकिले पर, मगर तमाम उपलब्धियों और भविष्य की असीम संभावनाओं के बीच सुलग रहा है, आज भी हिंद. Religion is the reason, the world is breaking up into pieces….everybody wants control, don't hesitate to kill one another.... कहते है लुईस, इस महीने के हमारे विडीयो ऑफ़ दा मंथ में, और कितना सही कहते हैं, ये विडियो आज के हिंद के लिए एक प्रार्थना समान है. Fusion music यानी दो या अधिक तरह के संगीत विधाओं को मिला कर एक नया संगीत रचना, यहाँ ये प्रयोग किया दो महान कलाकारों, हरिहरन और लेसली लुईस ने, भारतीय शास्त्रीय संगीत और वेस्टर्न पॉप को मिलाने का, जब राग यमन कल्याणी को गिटार पर गाया गया तो, युवाओं के मन पर छा गया. गीत का संदेश, बहुत अच्छे रूप में सबके सामने रखने में हाथ रहा है इसके विडियो का भी, black and white फॉर्मेट में चित्रित हुए इस विडियो में एक मार्मिक कहानी बुनी गई है, इस कहानी मे