प्लेबैक ओरिजिनलस् एक कोशिश है दुनिया भर में सक्रिय उभरते हुए गायक/संगीतकार और गीतकारों की कला को इस मंच के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने की. रेडियो प्लेबैक ओरिजिनल की श्रृंखला में वर्ष २०१६ में हम लेकर आये हैं , उभरते हुए गायक और संगीतकार " आदित्य कुमार विक्रम " का संगीतबद्ध किया हुआ और उनकी अपनी आवाज में गाया हुआ गाना. इस ग़ज़ल के रचनाकार हैं हृदयेश मयंक ने... तुमको खुशबू कहूं कि फूल कहूं या मोहब्बत का एक उसूल कहूं तुम हो ताबीर मेरे ख़्वाबों की इक हसीं ख़्वाब क्यों फ़िजूल कहूँ तुम तो धरती हो इस वतन की दोस्त कैसे चन्दन की कोई धूल कहूँ जितने सज़दे किए थे तेरे लिए इन दुआओं की हो क़बूल कहूँ आदित्य कुमार विक्रम वरिष्ठ कवि महेंद्र भटनागर के गुणी सुपुत्र हैं. वर्तमान में आदित्य जी मुंबई में अपनी पहचान बनाने में प्रयासरत हैं. रेडिओ प्लेबैक इण्डिया परिवार की शुभकामनाएं आपके साथ हैं. श्रोतागण सुनें और अपनी टिप्पणियों के माध्यम से अपने विचार पहुंचाएं.