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ग्यारह हो हमारा, देश का यही है आज नारा -ठोंक दे किल्ली टीम इंडिया....करोड़ों भारतीयों की आवाज़ को सुरों में पिरोया देश विदेश में बसे संगीत योद्धाओं ने

Awaaz mahotsav World Cup Cricket 2011 Special Song आज मीरपुर में भारतीय क्रिकेट टीम विश्व कप पर २८ सालों बाद बेहद मजबूती के साथ अपनी दावेदारी पेश करने उतरेगी....आज पूरा देश उन्हें शुभकामनाएँ दे रहा है. दोस्तों क्रिकेट हमारे देश में किसी धर्म से कम नहीं है, और विश्व कप उन खास मौकों में से एक है जब पूरा देश एक सूत्र में बंध जाता है, सब एक दूसरे से बस यही पूछते नज़र आते है -"स्कोर क्या है ?". जब जीत हार एक खेल से बढ़ कर कुछ हो जाए, जब करोड़ों धड़कनों की दुआ बस एक हो जाए, तो छाना लाजमी ही है - जीत का जूनून. इसी जीत के जज्बे को सलाम करने उतरे हैं आज हिंद युग्म के कुछ नए तो कुछ तजुर्बेकार सिपाह सलार...वहाँ मैदाने जंग में जब भारत के ११ खिलाड़ी अपने हुनर का दम लगायेंगें वहीं करोड़ों दर्शक एक सुर में गायेंगें....क्या ? अरे घबराईये नहीं, हम लाये हैं एक ऐसा गीत जो २ अप्रैल तक हर क्रिकेट प्रेमी की जुबान पे होगा, हर मैच से पहले और बाद में हर कोई बस यही गुनगुनाएगा...."ठोंक दे किल्ली टीम इंडिया"...आपके शब्दों को सुरों में ढाल कर आज हिंद युग्म गर्व से पेश करता है टीम इंडिया को शुभक...

खुदा के अक्स और आवारगी के रक्स के बीच कुछ दर्द भी हैं मैले मैले से

Season 3 of new Music, Song # 10 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस मनाया गया, पर क्या इतने भर से हमारी जिम्मेदारी समाप्त हो जाती है ? श्रम करते, सड़कों पे पलते, अपने मूलभूत अधिकारों से वंचित बच्चे रोज हमारी आँखों के आगे से गुजरते हैं, और हम चुपचाप किनारा कर आगे बढ़ जाते हैं. हिंद युग्म आज एक कोशिश कर रहा है, इन उपेक्षित बच्चों के दर्द को कहीं न कहीं अपने श्रोताओं के ह्रदय में उतारने की, आवाज़ संगीत महोत्सव के तीसरे सत्र के दसवें गीत के माध्यम से. इस आयोजन में हमारे साथी बने हैं संगीतकार ऋषि एस, और गीतकार सजीव सारथी. साथ ही इस गीत के माध्यम से दो गायिकाओं की भी आमद हो रही है युग्म के मंच पर. ये गायिकाएं है श्रीविध्या कस्तूरी और तारा बालाकृष्णन. हम आपको याद दिला दें कि आवाज़ के इतिहास में ये पहला महिला युगल गीत है. गीत के बोल - उन नन्हीं आँखों में, देखो तो देखो न, उन हंसीं चेहरों को, देखो तो देखो न, शायद खुदा का अक्स है, आवारगी का रक्स है, सारे जहाँ का हुस्न है, या जिंदगी का जश्न है... उन नन्हीं.... बेपरवाह, बेगरज, उडती तितलियों जैसी, हर परवाज़ आसमां को, छूती सी उनकी, पथरीले रास्तों पे, लेक...