उपेन्द्रनाथ अश्क की "ज्ञानी" 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने पारुल पुखराज की आवाज़ में उभरते हिंदी साहित्यकार गौरव सोलंकी की कहानी " "बाँहों में मछलियाँ" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं उर्दू और हिंदी प्रसिद्ध के साहित्यकार उपेन्द्रनाथ अश्क की एक छोटी मगर सधी हुई कहानी "ज्ञानी" , जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 25 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। उर्दू के सफल लेखक उपेन्द्रनाथ 'अश्क' ने मुंशी प्रेमचंद मुंशी प्रेमचन्द्र की सलाह पर हिन्दी में लिखना आरम्भ किया। १९३३ में प्रकाशित उनके दुसरे कहानी संग्रह 'औरत की फितरत' की भूमिका मुंशी प्रेमचन्द ने ही लिखी थी। अश्क जी को १९७२ में 'सोवियत लै