Skip to main content

Posts

Showing posts with the label singer rajkumari

ठुमरी पीलू : SWARGOSHTHI – 346 : THUMARI PILU : गायिका राजकुमारी के स्वर

स्वरगोष्ठी – 346 में आज फिल्मी गीतों में ठुमरी के तत्व – 3 : गायिका राजकुमारी के स्वर राग पीलू में नायक को रोकने के लिए नायिका की कोशिश – “चले जइयो बेदर्दा मैं रोय मरूँगी...” गायिका  राजकुमारी  ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी हमारी नई श्रृंखला “फिल्मी गीतों में ठुमरी के तत्व” की इस तीसरी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सभी संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। पिछली श्रृंखला में हमने आपके लिए फिल्मों में पारम्परिक ठुमरी के साथ-साथ उसके फिल्मी प्रयोग को भी रेखांकित किया था। इस श्रृंखला में भी हम फिल्मी ठुमरियों की चर्चा कर रहे हैं, किन्तु ये ठुमरियाँ पारम्परिक नहीं हैं। इन ठुमरी गीतों को फिल्मों के प्रसिद्ध गीतकारों ने लिखा है और संगीतकारों ने इन्हें विभिन्न रागों में बाँध कर ठुमरी गायकी के तत्वों से अभिसिंचित किया है। हमारी इस श्रृंखला “फिल्मी गीतों में ठुमरी के तत्व” के शीर्षक से ही यह अनुमान हो गया होगा कि इस श्रृंखला का विषय फिल्मों में शामिल किये गए ऐसे गीत हैं जिनमे राग, भाव और रस की द...

"हरि दिन तो बीता शाम हुई..." - जानिये गायिका राजकुमारी के इस अन्तिम गीत की दास्तान

एक गीत सौ कहानियाँ - 32   ‘ हरि दिन तो बीता, शाम हुई ...’ 'रे डियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार! दोस्तों, हम रोज़ाना रेडियो पर, टीवी पर, कम्प्यूटर पर, और न जाने कहाँ-कहाँ, जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और गुनगुनाते हैं। ये फ़िल्मी नग़में हमारे साथी हैं सुख-दुख के, त्योहारों के, शादी और अन्य अवसरों के, जो हमारी ज़िन्दगियों से कुछ ऐसे जुड़े हैं कि इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बड़ी ही सूनी और बेरंग होती। पर ऐसे कितने गीत होंगे जिनके बनने की कहानियों से, उनसे जुड़ी दिलचस्प क़िस्सों से आप अवगत होंगे? बहुत कम, है न? कुछ जाने-पहचाने, और कुछ कम सुने फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी तो आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का यह साप्ताहिक स्तंभ 'एक गीत सौ कहानियाँ'। इसकी 32वीं कड़ी में आज जानिये फ़िल्म 'किताब' के राजकुमारी की गायी लोरी "हरि दिन तो बीता शाम हुई..." के बारे में।  1977 की यादगार फ़िल्म 'किताब' आप...