Skip to main content

Posts

Showing posts with the label songs 2014

होंठों को मुस्कुराने और गुनगुनाने की वजह देती अरिजीत की आवाज़

ताज़ा सुर ताल - मुस्कुराने  (सिटी लाईट्स) दोस्तों पिछले करीब २ सालों से हम सब इस युवा गायक के दीवाने हो रखे हैं, उस का हर नया गीत भीतर एक गहरी हलचल पैदा कर देता है और हम सब की छुपी या जाहिर आशिकी को जैसे आवाज़ मिल जाती है. रोमानियत को गहरे से आत्मसात करती ये आवाज़ है अरिजीत सिंह की. ताज़ा प्रस्तुति में आज फिर से अरिजीत का जादू महकेगा, गीत के बोल है.. मुकुराने की वजह तुम हो...  और इस गीत को वजह और वजूद दिया है जीत गांगुली ने. कभी प्रीतम के जोड़ीदार रहे जीत के लिए खुद प्रीतम ने एक बार कहा था कि जब लोग जीत की काबिलियत को समझेगें तो उसके दीवाने हो जायेगें, प्रीतम दा की ये बात एकदम सही लग रही है आज के सन्दर्भ में. धीरे धीरे श्रोता जीत की जादू भरी धुनों में डूब रहे हैं इन दिनों. फिल्म सिटी लाईट्स का है ये गीत. इस फिल्म में हमें दुबारा दिखेगा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित निर्देशक हंसल मेहता और अभिनेता राजकुमार राव की बेमिसाल जोड़ी का नया अंदाज़. आप में से जिन दर्शकों ने इनकी ' शाहिद ' देखी हो उन्हें यक़ीनन इस फिल्म का बेहद बेसब्री से इंतज़ार होगा. फिल्म को महेश भट्ट लेकर आ रहे हैं

टूटे तारे उठा ले...उनसे चंदा बना ले...प्रेरणा के स्वर पोपोन की आवाज़ में

ताज़ा सुर ताल --2014-18 सुन री बावली तू अपने लिए, खुद ही मांग ले दुआ, कोई तेरा न होना... केश में सूरज खोंस के चलना, कभी कोई रात मिले न  .... ये हों वो ऊर्जामयी शब्द जो नागेश कुकनूर की मर्मस्पर्शी फिल्म लक्ष्मी  में नायिका की प्रेरणा बन जाता है. मनोज यादव के लिखे इस बेमिसाल गीत को अपनी आवाज़ और सशक्त अभिव्यक्ति से निखारा है आज के दौर के सबसे जबरदस्त गायकों में से एक अंगराग महंता ने जिसे हम सब पोपोन के नाम से अधिक जानते हैं. हम फिल्म की चर्चा पीछले हफ्ते भी कर चुके हैं, आपको बता दें कि एक सेंसर से चली एक लम्बी जंग के बाद अधिर्कार इस माह ये फिल्म प्रदर्शित हो ही गयी मगर केवल सीमित सिनेमा घरों में ही. फिल्म में नागेश ने खुद भी एक अहम् भूमिका की है, साथ ही सतीश कौशिक, राम कपूर और शेफाली छाया (शाह) भी हैं मगर शीर्षक भूमिका मोनाली ने कमाल का काम किया है, कभी मौका लगे तो देखिएगा इस फिल्म को.  फिल्म के सभी गीत पार्श्व संगीत का हिस्सा अधिक हैं, और फिल्म का पार्श्व का पूरा जिम्मा तापस ने उठाया है. अहमदाबाद से मुंबई आये तापस रेलिया को सबसे पहले मौका दिया विधु विनोद चोपड़ा ने फिल्म फरारी

दुल्हन को मैचिंग दूल्हा लाये हैं शंकर एहसान लॉय 'हुलारे' में

ताज़ा सुर ताल  -2014-17 करन जौहर और साजिद नाडियाडवाला लाये हैं चेतन भगत की कहानी पर आधारित 2 States.  अलिया भट्ट और अर्जुन कपूर अभिनीत ये फिल्म आज यानी १८ अप्रैल को प्रदर्शन आरंभ कर रही है. फिल्म कैसी है ये आप लोग देख कर हमें बताएगें. फिलहाल हम इस फिल्म का एक और गीत आज सुनने जा रहे है, जो है पूरी तरह मस्ती से भरा और कदम थिरकाने वाला.  फिल्म की संगीत जोड़ी है अमिताभ भट्टाचार्य और शंकर एहसान लोय की तिकड़ी का. शादी के माहौल का ये गीत एक बार फिर 'सेल' तिकड़ी की मशहूर छाप लिए हुए है. ढोल का सुन्दर प्रयोग है. पार्श्व गायन है खुद शंकर के साथ सिद्धार्थ महादेवन और रसिका शेखर का. तो लीजिये झूमने को कमर कस लें इस गीत के साथ.    

भूतों की पार्टी से गर्माया चुनावी मैदान तो उठी भीतर से ये पुकार

ताज़ा सुर ताल २०१४ -१४ दो स्तों लोक सभा के चुनाव शुरू हो चुके हैं, और कुछ ही दिनों में देश को उसका नया प्रधानमन्त्री मिल जाएगा. मगर ये तभी संभव होगा जब हम लोग जाती धर्म उंच नीच के दायरों से उठकर अपने अपने मतों का प्रयोग करें, साफ़ और सवच्छ छवि वाले, देश के हिट की सोचने वाले प्रतिनिधियों को चुनकर संसद में भेजें. ताकि देश तरक्की और अमन परस्ती की राह पर आगे बढ़ सके. चुनावी माहौल में हमें अपने मत का महत्त्व समझाती फिल्म है नितीश तिवारी   निर्देशित भूतनाथ रिटर्न्स  जो कुछ सालों पहले आई भूतनाथ का दृतीय संस्करण है. अमिताभ अभिनीत भूतनाथ  को बच्चों और बड़ों दोनों का भरपूर प्यार मिला था, आज भी जब ये फिल्म छोटे परदे पर आती है तो हर कोई इसे देखने के लिए मचल उठता है, ऐसे में इस दृतीय संस्करण से भी ढेरों उम्मीदें हैं. हालाँकि पहले संस्करण में संगीत पर अधिक जोर नहीं दिया गया था, पर इस बार इस कमी को भी पूरा कर दिया गया है. फिल्म के गीत पार्टी तो बनती है  और हर हर गंगे  खूब सुना जा रहा है. पर आज हम आपके लिए लाये हैं फिल्म का एक अन्य गीत.  राम संपत का स्वरबद्ध और ऋतुराज के गाये इस गीत में एक प्

सरहदों की दूरियां संगीत से पाटते अली ज़फर और अमित त्रिवेदी

ताज़ा सुर ताल - 09 -2014 ताज़ा सुर ताल के एक और नए एपिसोड में आप सब का स्वागत है. आज हम आपको मिलवा रहे हैं सरहद पार से आये एक जबरदस्त फनकार से जो बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं. पाकिस्तान के पॉप संशेशन अली ज़फर न सिर्फ एक बहतरीन गायक हैं बल्कि एक अच्छे अभिनेता, संगीतकार, और गीतकार भी हैं. आने वाली फिल्म टोटल सयापा  में अली इन सभी भूमिकाओं में नज़र आयेगें. बतौर गीतकार इस फिल्म में उन्होंने आशा  नाम का गीत लिखा है, फिल्म का काम पूरी तरह खत्म होने के बाद फिल्म के अपने साथी किरदार को जेहन में रख कर लिखा गया ये गीत, फिल्म का हिस्सा नहीं है पर एल्बम में अवश्य शामिल है. वैसे इस एल्बम में जिसे पूरी तरह से अली का ही एल्बम कहा जायेगा, मात्र एक ही युगल गीत है, जिसे आज हमने चुना है आपके लिए. अकील रूबी का लिखा ये गीत सदा लुभावन अरेबिक मिजाज़ का है, जिसमें रुबाब का सुन्दर इस्तेमाल हुआ है. फरिहा परवेज हैं अली के साथ इस गीत में. नहीं मालूम  निश्चित ही एक ऐसा गीत है जिसे आप बार बार सुनना चाहेगें.  आज के एपिसोड का दूसरा गीत है, मेरे बेहद पसंदीदा संगीतकार अमित त्रिवेदी का. दोस्तों अक्सर हम लोगों

मिष्टी दोई जैसी बप्पी दा की आवाज़ और "घंटी गीत" बना साल का पहला देशव्यापी हिट

ताज़ा सुर ताल - 2014 - 08   बप्पी दा  दोस्तों, साल 2014 के दो माह बीतने को हैं, और अब तक हम आपको 14 गीत सुनवा चुके हैं. आज हम आपको सुनवायेंगे दो ऐसे गीत जो लोकप्रियता के लिहाज से शीर्ष पायदानों पर विराजमान हैं, और ये दोनों ही गीत एक ही फिल्म से हैं. फिल्म "गुण्डे" के बारे में आपको बता दें कि ये फिल्म हिंदी के साथ साथ बांग्ला में भी बनी है. और इसका मशहूर घंटी गीत  बांग्ला में बप्पी दा ने गाया है. वैसे संगीतकार सोहैल सेन ने हिंदी संस्करण में भी बप्पी दा को क्रेडिट दिया है. हिंदी संस्करण आज पूरे भारत में धूम मचा रहा है, मगर हम आपको सुनवा रहे हैं गीत का बांग्ला संस्करण जिसे बप्पी दा से एकदम मस्त गाया है. सुनते सुनते झूमने लगो तो हमें दोष मत दीजियेगा... नेहा बाशिन  क्यों दोस्तों, मज़ा आया न...? चलिए अब बढते हैं गुण्डे   के एक और गीत की तरफ जो है एक कैब्रेट गीत. असलमे इश्कुम  फिल्माया गया है प्रियंका चोपडा पर और उनके लिए पार्श्व गायन किया है नेहा भासिन ने, जी हाँ वही जिनकी धुनकी  ने आपको दीवाना बना दिया था. नेहा आज की एक चर्चित आवाज़ का नाम है पर अपने आरंभि

रेखा भारद्वाज का स्नेह निमंत्रण ओर अरिजीत की रुमानियत भरी नई गुहार

ताज़ा सुर ताल - 2014 -04  हमें फिल्म संगीत का आभार मानना चाहिए कि समय समय पर हमारे संगीतकार हमारी भूली हुई विरासत ओर नई पीढ़ी के बीच की दूरी को कुछ इस तरह पाट देते हैं कि समय का लंबा अंतराल भी जैसे सिमट गया सा लगता है. मेरी उम्र के बहुत से श्रोताओं ने इस ठुमरी को बेगम अख्तर की आवाज़ में अवश्य सुना होगा, पर यक़ीनन उनसे पहले भी लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह के दरबार से निकली इस अवधी ठुमरी को बहुत से गुणी कलाकारों ने अपनी आवाज़ में ढाला होगा. लीजिए २०१४ में स्वागत कीजिये इसके एक ओर नए संस्करण का जिसे तराशा संवारा है विशाल -गुलज़ार के अनुभवी हाथों ने ओर आवाज़ के सुरमे से महकाया है रेखा भारद्वाज की सुरमई आवाज़ ने. मशहूर अभिनेत्री ओर कत्थक में निपुण माधुरी दीक्षित नेने एक बार फिर इस फिल्म से वापसी कर रही हैं रुपहले परदे पर. जी हाँ आपने सही पहचाना, देढ इश्किया  का ये गीत फिर एक बार ठुमरी को सिने संगीत में लौटा लाया है, हिंदी फिल्मों के ठुमरी गीतों पर कृष्णमोहन जी रचित पूरी सीरीस का आनंद हमारे श्रोता उठा चुके हैं. आईये सुनते हैं रेखा का ये खास अंदाज़....शब्द देखिये आजा गिलौरी खिलाय दूँ खिमामी, लाल

धूम मचाती कमली ओर यारियाँ का अल्लाह वारियाँ

ताज़ा सुर ताल - 2014 -03  ताज़ा सुर ताल की नई कड़ी में आप सब का स्वागत है, नए साल के पहले महीने में भी धूम ३ की धूम जारी है. कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म की सफलता में इसके संगीत की भी जबरदस्त भूमिका रही है. धूम ३ से एक ओर धमाकेदार गीत लेकर आज हम हाज़िर हैं. सुनिधि चौहान के क्या कहने, आईटम गीतों के लिए तो वो संगीत निर्देशकों की पहली पसंद मानी जा सकती हैं. यूँ धूम ३ के इस गीत को पूरी तरह एक आईटम गीत भी नहीं कहा जा सकता, पर सुनिधि ने गीत में जो ऊर्जा फूंकी है वो अविश्वसनीय है. गीत की आरंभिक पक्तियों से ही वो श्रोताओं को अपने साथ जोड़ लेती है ओर अगले ४ मिनट तक उस पकड़ में कहीं कोई लचक नहीं छूटती. इस गीत का जिक्र हो ओर प्रीतम दा के अद्भुत संगीत संयोजन की तारीफ न हो ये संभव नहीं है. ये गीत वेस्टर्न रिदम पर शुद्ध भारतीय वाद्यों की जबरदस्त जुगलबंदी करता है. गीत के प्रिल्यूड में ओर इंटरल्यूड में सितार का प्रयोग तो लाजवाब है. सुनिए ये दमदार गीत जिसे लिखा है समीर साहब ने.     नए साल की पहली हिट फिल्म है टीनएज लव की दास्ताँ कहती टी सीरीस की यारियाँ . इस फिल्म के गीत भी खासा पसंद किये

बॉलीवुड के खान'दान की संगीतमयी भिडंत

ताज़ा सुर ताल - 2014 - 02 ताज़ा सुर ताल के नए अंक में आपका स्वागत है. आज हम आमने सामने ला रहे हैं बॉलीवुड के दो बड़े 'खान' को. २०१३ के अंत में आई धूम ३ ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. सबसे अधिक कमाई करने वाली इस फिल्म का संगीत भी श्रोताओं को बहुत रास आया है. प्रीतम ने एक बार फिर से साबित किया है ऐसी बड़ी फिल्मों की बागडोर सँभालने में उनसे बेहतर कोई नहीं है. समीर के शब्दों में सूफी रंग बहुत खूब जचा है. भाग मिल्खा भाग  के गीतों से अपनी दमदार उपस्तिथि दर्ज करने के बाद सिद्धार्थ महादेवन ने एक बार फिर अपनी सशक्त आवाज़ से पूरे गीत पर अपनी पकड़ बनाये रखी है, गीत का एक चौंकाने वाला पक्ष रहा शिल्पा राव की आवाज़. अमित त्रिवेदी की टीम का अहम अंग रही शिल्पा ने पिछले साल ही मुरब्बा  ओर मनमर्जियाँ  जैसे गहरे गीत गाए थे, पर मलंग  में उनका एक नया ही सुखद अंदाज़ सुनने को मिला है. कहा जाता है ये बॉलीवुड में अब तक का सबसे महंगा गीत है. देश विदेश से बड़े बड़े जिमनास्टिकों की पूरी फ़ौज है इसमें ओर इस गीत में लगभग ५ करोड का खर्चा आया है. बहरहाल गीत को परदे पर देखना वाकई सुखद है. एक ओर जानकारी आपको दे