गाना: दर्द-ए-डिस्को चित्रपट: ओम शांति ओम संगीतकार: विशाल दादलानी, शेखर रावजियानी गीतकार: जावेद अख़तर स्वर: सुखविन्दर,मारिएन्न,कारालिसा,निशा मास्केरेनहास,कारालिसा ओ हसीना ओ नीलमपरी करगई कैसे जादूगरी नींद इन आँखों से छीन ली हाये दिल में बेचैनियाँ है भरी ओ हसीना ओ नीलमपरी करगई कैसे जादूगरी नींद इन आँखों से छीन ली हाये दिल में बेचैनियाँ है भरी मैं बेचारा हूँ आवारा बोलो समझाऊँ मैं ये अब किस किस को [दिल में मेरे है दर्द-ए-डिस्को दर्द-ए-डिस्को दर्द-ए-डिस्को]4 ओ फसले गुल थी गुलपोशियों का मौसम था हम पर कभी सरगोशियों का मौसम था आहा फसले गुल थी गुलपोशियों का मौसम था हम पर कभी सरगोशियों का मौसम था कैसा जुनूँ ख़्वाबों की अंजुमन में था क्या मैं कहूँ क्या मेरे बागपन में था रंजिश का चला था....फव्वारा फूटा जो ख़्वाब का....गुब्बारा अब फिरता हूँ मैं लंडन पेरिस न्यू यॉर्क एल ए सॅन फ्रानसिस्को दिल में मेरे है दर्द-ए-डिस्को दर्द-ए-डिस्को दर्द-ए-डिस्को दर्द-ए-डिस्को कम ऑन नाऊ लेट्स गो 5 लम्हा लम्हा अरमानों कि फरमाइश थी लम्हा लम्हा जुर्रत कि...