Skip to main content

Posts

Showing posts with the label lalita debulkar

मोरे राजा हो ले चल नदिया के पार...गुजरे ज़माने के एक मस्त मस्त गीत

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 349/2010/49 सा ल १९४८ की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही। ३० जनवरी १९४८ की सुबह महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई, जिसके बाद साम्प्रदायिक दंगे एक बार फिर से छिड़ गए और देश की अवस्था और भी नाज़ुक हो गई। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजली स्वरूप गीतकार राजेन्द्र कृष्ण ने उन पर एक गीत लिखा जिसे हुस्नलाल भगतराम के संगीत में मोहम्मद रफ़ी साहब ने गाया। "सुनो सुनो ऐ दुनियावालों बापु की यह अमर कहानी" एक बेहद लोकप्रिय गीत साबित हुआ। ब्रिटिश राज के समाप्त हो जाने के बाद देश भक्ति फ़िल्मों के निर्माण पर से सारे नियंत्रण हट गए। ऐसे में फ़िल्मिस्तान लेकर आए 'शहीद', जो हिंदी सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ देशभक्ति फ़िल्मों में गिनी जाती है। जहाँ एक तरफ़ दिलीप कुमार की अदाकारी, वहीं दूसरी तरफ़ मास्टर ग़ुलाम हैदर के संगीत में "वतन की राह में वतन के नौजवान शहीद हों" गीत ने तो पूरे देश को जैसे देश प्रेम के जज़्बे से सम्मोहित कर लिया। उधर हैदर साहब ने ही फ़िल्म 'मजबूर' में लता को अपना पहला हिट गीत दिया "दिल मेरा तोड़ा"। संगीत की दृष्टि से १९४८ की