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'सिने पहेली' में आज गणतंत्र दिवस विशेष

26 जनवरी, 2013 सिने-पहेली - 56  में आज   सुलझाइये देशभक्ति गीतों की पहेलियाँ 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों और श्रोताओं को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों, जनवरी महीने का आख़िरी सप्ताह हम सभी भारतीयों के लिए बहुत महत्वपूर्ण बन जाता है। 23 जनवरी को नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का जनमदिवस, 26 जनवरी को प्रजातंत्र दिवस, और 30 जनवरी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का स्मृति दिवस जो शहीद दिवस के रूप में पालित होता है। रेडियो प्लेबैक इंडिया पर भी इसलिए यह सप्ताह देशभक्ति के रंग से सराबोर है। और आज की 'सिने पहेली' में भी हमने चढ़ाया है देशभक्ति का रंग। कितनी जानकारी रखते हैं आप फ़िल्मी देशभक्ति गीतों की, इसी की आज परीक्षा है आपकी। देखते हैं आप सुलझा पाते हैं या नहीं इन देशभक्ति गीतों की पहेलियों को! आज की पहेली :  वतन के तराने आ ज 26 जनवरी 2013 है, आज समूचा राष्ट्र मना रहा है अपना 64-वाँ गणतंत्र दिवस है। गर्व और उल्लास भरे आपके इस दिन को और भी ख़ास बनाने के लिए हम लेकर आए हैं कुछ ऐसी पहेलियाँ जिनमें छुपी हुई हैं फ़िल्मी देशभक्ति गीत। नीच...

छीन सकती है नहीं सरकार वन्देमातरम...

‘ वन्देमातरम् ’ गीत के रचनाकार  बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय   ब्रिटिश शासन के विरुद्ध चले भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में बलिदानी क्रान्तिकारियों और आन्दोलनकारियों के हम सदैव ऋणी रहेंगे, परन्तु  इस दौर में कलम के सिपाहियों का योगदान भी कभी भुलाया नहीं जा सकता। आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर हम कुछ ऐसे कवियों और शायरों का स्मरण करने जा रहे हैं, जिनकी कलम ने तलवार का रूप धारण कर ब्रिटिश हुकूमत के छक्के छुड़ा दिये। इन गीतों के उग्र तेवर से भयभीत होकर तत्कालीन सरकार ने इन्हें प्रतिबन्धित तक कर दिया। स्वरगोष्ठी – ५४ में आज – गणतन्त्र दिवस विशेषांक स्वतन्त्रता संग्राम के प्रतिबन्धित गीतों पर एक चर्चा आज गणतन्त्र दिवस के अवसर पर ‘स्वरगोष्ठी’ के इस विशेष अंक में, मैं कृष्णमोहन मिश्र आपके बीच उपस्थित हूँ। मित्रों, आज हम आपसे किसी फिल्म संगीत, राग, ताल या किसी वरिष्ठ कलासाधक पर चर्चा नहीं, बल्कि कुछ ऐसे दुर्लभ गीतों पर चर्चा करेंगे, जिन्हें भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान लिखे और गाये गए। इन गीतों के रचनाकारों ने कलम को तलवार बना कर गीतों से जनमानस को उद्वेलित कर दिया। आज...

आज १५ बार सर उठा कर गर्व से सुनें-गुनें - राष्ट्रीय गान

"उस स्वतंत्रता के होने का कोई महत्व नहीं है जिसमें गलतियाँ करने की छूट सम्मिलित ना हो"-महात्मा गाँधी. आवाज़ के सभी श्रोताओं को गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें. आज हम आपके लिए लाये हैं एक ख़ास पेशकश. "जन गण मन" के १५ अलग अलग रूप. सबसे पहले सुनिए सामूहिक आवाजों में राष्ट्र वंदन - 31 राज्य, 1618 भाषाएँ, 6400 जातियाँ, 6 धर्म और 29 मुख्य त्योहार लेकिन फिर भी एक महान राष्ट्र। पंडित हरी प्रसाद चौरसिया - जन गण मन संस्कृत मिश्रित बंगाली में लिखा गया भारत का राष्ट्रीय गीत है। ये ब्रह्म समाज की एक प्रार्थना के पहले पाँच बन्द हैं जिनके रचियता नोबल पुरस्कार से सम्मानित रविन्द्रनाथ टैगोर हैं। पंडित भीम सेन जोशी - सबसे पहले इसे 27 दिसम्बर 1911 को नैशनल कांग्रेस के कलकत्ता सम्मेलन में गाया गया। 1935 में इस गीत को दून स्कूल ने अपने विद्यालय के गीत के रूप में अपनाया। लता मंगेशकर - 24 जनवरी, 1950 को संविधान द्वारा इसे अधिकारिक रूप से भारत के राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया गया। ऐसा माना जाता है कि इसकी वर्तमान धुन को राम सिंह ठाकुर जी के एक गीत से लिया गया है लेकिन इस बारे में वि...