Skip to main content

Posts

Showing posts with the label SWARGOSHTHI 309

राग काफी : SWARGOSHTHI – 309 : RAG KAFI

स्वरगोष्ठी – 309 में आज फागुन के रंग – 1 : राग काफी गाने-बजाने का परिवेश विदुषी परवीन सुलताना से सुनिए -‘कैसी करी बरजोरी श्याम, देखो बहियाँ मोरी मरोरी...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के मंच पर ‘स्वरगोष्ठी’ की एक नई श्रृंखला “फागुन के रंग” के एक नए अंक के साथ मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। मित्रों, इस श्रृंखला में हम आपसे फाल्गुनी संगीत पर चर्चा करेंगे। भारतीय पंचांग के अनुसार बसन्त ऋतु की आहट माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को ही मिल जाती है। बसन्त ऋतु के आगमन के साथ ऋतु के अनुकूल गायन-वादन का सिलसिला आरम्भ हो जाता है। इस ऋतु में राग बसन्त और राग बहार आदि का गायन-वादन किया जाता है। होलिका दहन के साथ ही रंग-रँगीले फाल्गुन मास का आगमन होता है। पिछले सप्ताह ही हमने हर्षोल्लास से होलिका दहन और उसके अगले दिन रंगों का पर्व मनाया है। इस परिवेश का एक प्रमुख राग काफी होता है। स्वरों के माध्यम से फाल्गुनी परिवेश, विशेष रूप से होली के रस-रंग को अभिव्यक्त करने के लिए राग काफी सबसे उपयुक्त राग है। आज के अंक में हम पहले इस राग...