स्वरगोष्ठी – 123 में आज भूले-बिसरे संगीतकार की कालजयी कृति - 3 राग पहाड़ी में पिरोया मोहक गीत- ‘साजन की गलियाँ छोड़ चले...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर जारी लघु श्रृंखला ‘भूले-बिसरे संगीतकार की कालजयी कृति’ के तीसरे अंक में, मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीत-रसिकों का एक बार पुनः हार्दिक स्वागत करता हूँ। आज के अंक में हमने आपके लिए 1949 में प्रदर्शित फिल्म ‘बाज़ार’ का एक लोकप्रिय गीत- ‘साजन की गलियाँ छोड़ चले...’ चुना है। राग पहाड़ी पर आधारित गीतों में यह एक सदाबहार गीत है। इसके संगीतकार श्यामसुन्दर थे, जिनका नाम आज की पीढ़ी के लिए प्रायः अपरिचित सा ही है। इसके साथ ही आज हम आपके लिए विश्वविख्यात संगीतज्ञ द्वय पण्डित हरिप्रसाद चौरसिया और पण्डित शिवकुमार शर्मा की राग पहाड़ी में निबद्ध जुगलबन्दी की एक रचना भी प्रस्तुत कर रहे हैं। श्यामसुन्दर चौ थे दशक के उत्तरार्द्ध से लेकर छठें दशक के पूर्वार्द्ध तक फिल्म संगीत के क्षेत्र में सक्रिय रहे संगीतकार श्यामसुन्दर के बारे में आज की पीढ़ी प्रायः अनभिज्ञ है।...