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Showing posts with the label sudeep yashraj

दिल को बहलाना है, इस तरह या उस तरह...

इश्क हो या दुनिया की चाहत, अक्सर वो नसीब नही होता जिसको पाने की आरजू होती है. जिंदगी चलती रहती है, बहती रहती है. पर कहीं न कहीं दिल के किसी कोने में एक खला बनी रहती है. कहीं कुछ रहता है जो कचोटता है तन्हाईयों में. कुछ कमरे ऐसे भी होते हैं जहनो दिल में जो किसी के जाने के बाद भी हमेशा खाली रहते हैं, उन्हें कोई भर नही पाता. कुछ ऐसे ही जज़्बात लिए है इस शुक्रवार का ये नया गीत. जिसके रचनाकार, संगीतकार और गायक हैं सुदीप यशराज . नए सत्र में उनका ये दूसरा गीत है, तो सुनतें हैं सुदीप की आवाज़ में "उड़ता परिंदा". अपनी राय देकर इस उभरते हुए बेहद प्रतिभाशाली संगीतकार गायक का मार्गदर्शन अवश्य करें - गीत को सुनने के लिए नीचे के प्लयेर पर क्लिक करें - After his first song "beintehaa pyar" Sudeep Yashraj is here again in this new season with a brand new song "udta parinda". Penned and composed by Sudeep himself, this song has a retro feel to it which come across with his unique style of singing. So guys, lets enjoy this brand new song and let us know what you feel about it

और दिल जुनून पर है...

राख हो जायेंगे हम, आग का हुस्न फुनून पर है, मोहब्बत बे-इन्तहा है, और दिल जुनून पर है. Love or material needs, whatever you may want is not what you will get. Life moves on & so does your soul. But somewhere deep inside you, there is a place where that vacancy always exists forever & its irreplaceable. ये कहना है सुदीप यशराज का, जो हैं आवाज़ पर इस हफ्ते के, उभरते सितारे. हमने कोशिश की, कि सुदीप भी हमें अपने बारे में हिन्दी में ही लिख कर दें, पर अतिव्यस्तता के चलते वो ऐसा नही कर पाये. तो हमने उनके कथन मूल रूप में ही आपके सामने रख रहे हैं. दिल्ली में जन्मे और पढ़े बढ़े सुदीप इन दिनों मुंबई में हैं. हिंद युग्म पर अपने पहले गीत " बेइंतेहा प्यार. .." को मिले प्रोत्साहन से सुदीप बेहद संतुष्ट हैं. उनका मानना है - Business or music is creative outburst of mind which should achieve satisfaction, life is just a memory if not lived the way you want to. I am not a trained musician & make music for personal satisfaction. I have been lucky to be in the company of some of the gre

वो पीपल का पत्ता, है अब भी अकेला...

दूसरे सत्र के छठे गीत का विश्वव्यापी उदघाटन आज. आज हम अपने संगीत प्रेमियों के समक्ष लेकर आए हैं, एक और ताज़ी आवाज़, सुदीप यशराज की, ये युग्म के संगीत इतिहास में दूसरी बार है, जब किसी भी गीत के समस्त पक्ष को एक ही कलाकार ने संभाला है. सुदीप ने यह गीत ख़ुद ही लिखा, स्वरबद्ध किया और गाया है, उनका संगीत ताजगी भरा है और हमें यकीं हैं कि नयेपन की कमी जो हमारे कुछ श्रोताओं को महसूस हुई है अब तक, वो इस गीत के साथ दूर हो जायेगी. तो सुनें ये ताज़ा गीत, और अपने विचारों से सुदीप का प्रोत्साहन/मार्गदर्शन करें. गीत सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें. This Friday, we are introducing another very talented upcoming composer and singer, Sudeep Yashraaj to you. Sudeep is here with a new genre of sound, this song has a fresh new feel to it. With a very new way of writing and singing we are sure that he will steal your heart with his "beinteha pyar...". So enjoy this brand new song and do leave your comments as well. To listen to the song, please click on the player Lyrics: Vo o o o o, Beinteha pyar