इश्क हो या दुनिया की चाहत, अक्सर वो नसीब नही होता जिसको पाने की आरजू होती है. जिंदगी चलती रहती है, बहती रहती है. पर कहीं न कहीं दिल के किसी कोने में एक खला बनी रहती है. कहीं कुछ रहता है जो कचोटता है तन्हाईयों में. कुछ कमरे ऐसे भी होते हैं जहनो दिल में जो किसी के जाने के बाद भी हमेशा खाली रहते हैं, उन्हें कोई भर नही पाता. कुछ ऐसे ही जज़्बात लिए है इस शुक्रवार का ये नया गीत. जिसके रचनाकार, संगीतकार और गायक हैं सुदीप यशराज . नए सत्र में उनका ये दूसरा गीत है, तो सुनतें हैं सुदीप की आवाज़ में "उड़ता परिंदा". अपनी राय देकर इस उभरते हुए बेहद प्रतिभाशाली संगीतकार गायक का मार्गदर्शन अवश्य करें - गीत को सुनने के लिए नीचे के प्लयेर पर क्लिक करें - After his first song "beintehaa pyar" Sudeep Yashraj is here again in this new season with a brand new song "udta parinda". Penned and composed by Sudeep himself, this song has a retro feel to it which come across with his unique style of singing. So guys, lets enjoy this brand new song and let us know what you feel about it