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"नादान परिन्दे घर आजा" - अर्थपूर्ण गीत आज भी बनते हैं फ़िल्मों के लिए

२०१२ के फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ गीतकार का ख़िताब दिया गया है इरशाद कामिल को फ़िल्म 'रॉकस्टार' के गीत "नादान परिन्दे" के लिए। साथ ही सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का ख़िताब दिया गया है ए. आर. रहमान को इसी फ़िल्म के लिए। आइए आज करें इसी गीत की चर्चा 'एक गीत सौ कहानियाँ' की नौवीं कड़ी में, सुजॉय चटर्जी के साथ... एक गीत सौ कहानियाँ # 9 अक्सर हम लोगों को यह चर्चा करते हुए पाते हैं कि पहले की तुलना में फ़िल्मी गीतों का स्तर गिर गया है, अब वह बात नहीं रही फ़िल्मी गीत-संगीत में। काफ़ी हद तक यह बात सच भी है, लेकिन यह भी उतना ही सच है कि इसमें केवल कलाकारों का दोष नहीं। फ़िल्म और फ़िल्म-संगीत समाज का ही आइना होता है, जो समय चल रहा है, जो दौर जारी है, समाज की जो रुचि है, वही सब कुछ फ़िल्मों और फ़िल्मी गीतों में नज़र आते हैं। और यह भी उतना ही सच है कि अगर कलाकार चाहे तो तमाम पाबन्दियों, तमाम दायरों में बंधकर भी अच्छा काम किया जा सकता है। ख़ास तौर से गीतकारों की बात करें तो गुलज़ार और जावेद अख़्तर जैसे गीतकार आज भी कामयाबी के शिखर पर हैं अपने ऊँचे स्तर को गिरा