गाना: वो शाम कुछ अजीब थी चित्रपट: ख़ामोशी संगीतकार: हेमंत कुमार गीतकार: गुलज़ार गायक: किशोर कुमार वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है झुकी हुई निगाह में, कहीं मेरा ख़याल था दबी दबी हँसीं में इक, हसीन सा सवाल था मैं सोचता था, मेरा नाम गुनगुना रही है वो मैं सोचता था, मेरा नाम गुनगुना रही है वो न जाने क्यूँ लगा मुझे, के मुस्कुरा रही है वो वो शाम कुछ अजीब थी मेरा ख़याल हैं अभी, झुकी हुई निगाह में खिली हुई हँसी भी है, दबी हुई सी चाह में मैं जानता हूँ, मेरा नाम गुनगुना रही है वो मैं जानता हूँ, मेरा नाम गुनगुना रही है वो यही ख़याल है मुझे, के साथ आ रही है वो वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है वो कल भी पास पास थी, वो आज भी करीब है