रश्मि प्रभा अमृता-इमरोज़ के प्रेम-सम्बन्धों को अमृता की कविताओं और इमरोज़ की पेंटिंगों के माध्यम से देखने वालों ने जितना महसूसा है, वह उन्हें भावातिरेक से उपजी यूटोपिया पर पहुँचा देता है, जहाँ जिस्मानी आकर्षण का ज़ादू भी आध्यात्मिक प्यार की डगर की तरह दिखता है। अमृता की कविताओं के रसज्ञ कविताओं को पढ़कर न तो अपनी बेचैनी ज़ाहिर कर पाते हैं और न किसी तरह का सुकूँन महसूस कर पाते हैं। उन्हें लगता है कि घर की दीवारें, हवा, पानी मौसम, दिन-रात सब तरफ अमृता-इमरोज़ के किस्सों के साये हैं। प्यार के रुहानी सफर की प्रसंशक यदि कोई महिला हो और वह भी कवि हृदयी, तो यह लगभग तयशुदा बात है कि अमृता की नज्मों में वह खुद को उतारने लगती है। अमृता-इमरोज के सम्बंधों में उसे हर तरह के आदर्श प्रेम संबंधों की छाया दिखती है। अमृता की हर अभिव्यक्ति उसे अपनी कहानी लगती है और इमरोज़ की पेंटिंगों से भी कोई न कोई आत्मिक सम्बंध जोड़ लेती है। इसी तरह की एक अति सम्वेदनशील कवयित्री रश्मि प्रभा की आडियो-पुस्तक का विमोचन आज हम अपने श्रोताओं के हाथों करा रहे हैं। रश्मि प्रभा की कविताओं के इस संग्रह ( कुछ उनके नाम ) की ख़ास ...