Skip to main content

Posts

Showing posts with the label Pratham Rashmi

एक ऑडियो-वीडियो पुस्तक अमृता-इमरोज़ के नाम

रश्मि प्रभा अमृता-इमरोज़ के प्रेम-सम्बन्धों को अमृता की कविताओं और इमरोज़ की पेंटिंगों के माध्यम से देखने वालों ने जितना महसूसा है, वह उन्हें भावातिरेक से उपजी यूटोपिया पर पहुँचा देता है, जहाँ जिस्मानी आकर्षण का ज़ादू भी आध्यात्मिक प्यार की डगर की तरह दिखता है। अमृता की कविताओं के रसज्ञ कविताओं को पढ़कर न तो अपनी बेचैनी ज़ाहिर कर पाते हैं और न किसी तरह का सुकूँन महसूस कर पाते हैं। उन्हें लगता है कि घर की दीवारें, हवा, पानी मौसम, दिन-रात सब तरफ अमृता-इमरोज़ के किस्सों के साये हैं। प्यार के रुहानी सफर की प्रसंशक यदि कोई महिला हो और वह भी कवि हृदयी, तो यह लगभग तयशुदा बात है कि अमृता की नज्मों में वह खुद को उतारने लगती है। अमृता-इमरोज के सम्बंधों में उसे हर तरह के आदर्श प्रेम संबंधों की छाया दिखती है। अमृता की हर अभिव्यक्ति उसे अपनी कहानी लगती है और इमरोज़ की पेंटिंगों से भी कोई न कोई आत्मिक सम्बंध जोड़ लेती है। इसी तरह की एक अति सम्वेदनशील कवयित्री रश्मि प्रभा की आडियो-पुस्तक का विमोचन आज हम अपने श्रोताओं के हाथों करा रहे हैं। रश्मि प्रभा की कविताओं के इस संग्रह ( कुछ उनके नाम ) की ख़ास ...

8 तरह से सुनें सुमित्रा नंदन पंत की 'प्रथम रश्मि'

गीतकास्ट प्रतियोगिता- परिणाम-2: प्रथम रश्मि सुमित्रा नंदन पंत की कविता 'प्रथम रश्मि' को गीतकास्त प्रतियोगिता की दूसरी कड़ी के लिए जब हमने चुना तो यह डर मन में ज़रूर था कि इस कविता के संस्कृतनिष्ठ-शब्द गायन में कहीं बहुत मुश्किल न खड़ी करें। लेकिन अंतिम तिथि यानी 30 जून 2009 तक जब हमें 19 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं तो हमें यह अहसास हुआ कि कविताओं के प्रति कविता प्रेमियों, गायकों और संगीतकारों का अतिरिक्त प्रेम के सामने यह बाधा क्षणिक ही है, जो दृढ़ इच्छाशक्ति से पार की जा सकती है। 19 में से 11 प्रविष्टियाँ तो संगीत के साथ सजी-धजी हुई थीं। इनमें से दो प्रविष्टियों में फिल्म सरस्वती चंद के मशहूर गीत 'फूल तुम्हें भेजा है खत में॰॰॰" की धुन थी, जिसपर बहुत ही मनोरंजक तरीके से पिता-पुत्र (अम्बरीष श्रीवास्तव व नील श्रीवास्तव) ने 'प्रथम रश्मि' के शब्दों को बिठाया था। इनमें से कक्षा 8 के छात्र नील श्रीवास्तव का हम विशेष उल्लेख करना चाहेंगे जिन्होंने फिल्मी धुन पर ही सही, यह प्रयास किया। शेष प्रविष्टियों के मध्य बहुत काँटे की टक्कर थी। हमने विविध भारती के प्रसिद्ध रेडियो...

छायावादी कविता-गायन में इस बार गायें पंत की कविता 'प्रथम रश्मि'

गीतकास्ट प्रतियोगिता की शुरूआत बहुत ही धमाकेदार रही। आवाज़ को उम्मीद से अधिक प्रतिभागी मिले और आदित्य प्रकाश को उनकी पसंद की कविता 'अरुण यह मधुमय देश हमारा' को उम्मीद से बेहतर गायकी और संगीत-संयोजन। हम जब गीतकास्ट प्रतियोगिता की शुरूआत करने जा रहे थे तभी तय कर लिया था कि हिन्दी के सभी महत्वपूर्ण कवियों की कम से कम एक कविता को स्वरबद्ध/सुरबद्ध ज़रूर करवायेंगे। और यह कहना अनुचित नहीं होगा कि स्वप्न मंजूषा 'शैल' और कृष्ण राज कुमार के प्रयास ने हमें हौसला दिया और प्रायोजकों को विश्वास की इस तरह का प्रयास भी सराहा जा सकता है। पिछले रविवार डैलास, अमेरिका के एफएम चैनल रेडियो सलाम नमस्ते पर जब स्वप्न मंजूषा और कृष्ण राज कुमार की आवाज़ उभरी तो उसे दुनिया ने सुना और सर-आँखों पर बिठा लिया। जैसाकि हमने अपनी पहली प्रतियोगिता के परिणाम को प्रकाशित करते समय इस बात का ज़िक्र किया था कि हम शुरूआत में छायावाद के चारों प्रमुख कवियों की कविताओं के साथ यह अभिनव प्रयोग करेंगे, आज इस कड़ी में हम सुमित्रानंदन पंत की प्रसिद्ध कविता 'प्रथम रश्मि' को आपके समक्ष रख रहे हैं। इस बार आ...