अनुराग शर्मा 'पढ़ने' की बजाय 'सुनने' को ज्यादा प्राकृतिक मानने वाले अनुराग दोस्तो, पिछले २ सप्ताहों से आप एक आवाज़ को हिन्द-युग्म पर खूब सुन रहे हैं। और आवाज़ ही क्या, इंटरनेट पर जहाँ-जहाँ हिन्दी की उपस्थिति है, वहाँ ये उपस्थित दिखाई देते हैं। हमारे भी हर मंच पर ये दिखते हैं। इन्होंने आवाज़ पर ऑडियो-बुक का बीज डाला। इनका मानना है कि भारत में ऑडियो बुक्स में अभी बहुत सम्भावनाएँ हैं। ये हिन्दी साहित्य को किसी भी तरह से जनप्रिय बनाना चाहते हैं। इसीलिए अपनी आवाज़ में प्रसिद्ध कहानियाँ वाचने का सिलसिला शुरू कर दिया है। अनुराग विज्ञान में स्नातक तथा आईटी प्रबंधन में स्नातकोत्तर हैं। एक बैंकर रह चुके हैं और वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका में एक स्वास्थ्य संस्था में ऍप्लिकेशन आकिर्टेक्ट हैं। उत्तरप्रदेश में जन्मे अनुराग भारत के विभिन्न राज्यों में रह चुके हैं। फिलहाल पिट्सबर्ग में रहते हैं। लिखना, पढ़ना, बात करन,ा यानी सामाजिक संवाद उनकी हॉबी है। शायद इसीलिए वे कविता, कहानी, लेख आदि विधाओं में सतत् लिखते रहे हैं। वे दो वर्ष तक एक इन्टरनेट रेडियो (PittRadio) चला चुके ...