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ये बरकत उन हज़रत की है....मोहित चौहान ने किया कबूल गुलज़ार के शब्दों में

ताजा सुर ताल (14) स जीव - नमस्कार दोस्तों, मैं हूँ सजीव और मेरे साथ है, आवाज़ के हमकदम सुजॉय... सुजॉय - सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार... सजीव - सुजॉय लगता है ताज़ा सुर ताल धीरे धीरे अपने उद्देश्य में कामियाब हो रहा है. बिलकुल वैसे ही जैसे ओल्ड इस गोल्ड का उद्देश्य आज की पीढी को पुराने गीतों से जोड़ना था, ताज़ा सुर ताल का लक्ष्य संगीत की दुनिया में उभरते नये नामों से बीती पीढी को मिलवाना है और देखिये पिछले अंक में शरद जी ने हमें लिखा कि उन्होंने मोहित चौहान का नाम उस दिन पहली बार सुना था हमें यकीं है शरद जी अब कभी इस नाम को नहीं भूलेंगे... सुजॉय - हाँ सजीव, ये स्वाभाविक ही है. जैसा कि उन्होंने खुद भी लिखा कि जिन दिग्गजों को वो सुनते आ रहे हैं उनके समक्ष उन्हें इन गायकों में वो दम नज़र नहीं आता. पर ये भी सच है कि आज की पीढी इन्हीं नए कलाकारों की मुरीद है तो संगीत तो बहता ही रहेगा...फनकार आते जाते रहेंगें... सजीव - बिलकुल सही....इसलिए ये भी ज़रूरी है कि हम समझें आज के इस नए दौर के युवाओं के दिलों पर राज़ कर रहे फनकारों को भी. तो सुजॉय जैसा कि हमने वादा किया था कि हम मोहित के दो गीत एक के बा