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एक गीत सौ अफ़साने || एपिसोड 02 || छोटी सी कहानी से

  एक गीत सौ अफ़साने की दूसरी कड़ी में आज चर्चा फिल्म "इजाजत" के लाजवाब गीत "छोटी सी कहानी से" की  Ek Geet Sau Afsane explores the interesting unknown and unheard back stories of a Song. Every song has its own journey, and every new episode of this program is an attempt to understand the process behind making a song. with program head Sangya Tandon, her dedicated team of podcasters are here to tell these insightful stories that went behind in the process of making a song, enjoy. आप हमारे इस पॉडकास्ट को इन पॉडकास्ट साईटस पर भी सुन सकते हैं  Spotify Amazon music   Google Podcasts Apple Podcasts Gaana JioSaavn हम से जुड़ सकते हैं - facebook  instagram  YouTube  Hope you like this initiative, give us your feedback on radioplaybackdotin@gmail.com

कायदा कायदा आखिर फायदा.....कभी कभी कायदों को हटाकर भी जीने का मज़ा है समझा रहीं हैं रेखा

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 639/2010/339 'ओ ल्ड इज़ गोल्ड' के दोस्तों नमस्कार! 'सितारों की सरगम' शृंखला में कल आपनें शत्रुघ्न सिंहा का गाया गीत सुना था ॠषीकेश मुखर्जी निर्देशित फ़िल्म 'नरम गरम' से, राहुल देव बर्मन का स्वरबद्ध किया और गुलज़ार साहब का लिखा। आज की कड़ी में भी जो गीत आप सुनने जा रहे हैं, उसे इसी टीम, यानी कि ॠषी दा, पंचम दा और गुलज़ार साहब, नें बनाया है। यह है १९८० की बेहद कामयाब फ़िल्म 'ख़ूबसूरत' से अभिनेत्री रेखा का गाया गीत "कायदा कायदा आख़िर फ़ायदा", जिसमें सपन चक्रवर्ती नें उनका साथ दिया है। युं तो गुलज़ार साहब बच्चों वाले गीत लिखने में और उनमें अजीब-ओ-गरीब उपमाएँ व रूपक देने में माहिर हैं, लेकिन इस गीत में तो उन्हें ऐसी खुली छूट व आज़ादी मिली कि वो तो अपनी कल्पना को पता नहीं किस हद तक लेके गये हैं। 'ख़ूबसूरत' के मुख्य कलाकार थे रेखा, दीना पाठक, अशोक कुमार, राकेश रोशन, शशिकला प्रमुख। कहानी तो आपको पता ही है, अगर आप में से किसी नें इस फ़िल्म को अब तक नहीं देखा है, तो हमारा सुझाव है कि आज ही इसे देखें। वाक़ई एक लाजवाब फ़िल्म...

एक बात सुनी है चाचा जी बतलाने वाली है....और सुनिए कि चाचा शत्रुघ्न ने इस बार "खामोश" नहीं कहा

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 638/2010/338 फ़ि ल्मी सितारों की आवाज़ें इन दिनों गूंज रही है 'ओल्ड इज़ गोल्ड' की महफ़िल में, और शृंखला है 'सितारों की सरगम'। आज जिस आवाज़ की बारी है, उस आवाज़ की हम किसी गीत में कल्पना भी नहीं कर सकते, क्यों यह बुलंद आवाज़ तो लोगों को "ख़ामोश" करवाती आई है। इसलिए इस शख़्स द्वारा गाये गीत की कल्पना करना ज़रा मुश्किल हो जाता है। शत्रुघ्न सिंहा। जी हाँ, ॠषीकेश मुखर्जी निर्देशित १९८१ की फ़िल्म 'नरम गरम' में शत्रु साहब नें सुषमा श्रेष्ठ के साथ मिलकर एक युगल गीत गाया था, जो काफ़ी मशहूर भी हुआ। चाचा और भतीजी द्वारा गाया गया यह एक बड़ा ही मज़ेदार गीत है जिसके बोल हैं "एक बात सुनी है चाचा जी बतलाने वाली है, घर में एक अनोखी चीज़ आने वाली है"। चाचा बनें हैं शत्रु साहब और भतीजी हैं किरण वैरले। ये वही किरण हैं जिन्होंने 'नमकीन' फ़िल्म में छोटी बहन की भूमिका अदा की थी। भतीजी के उपर लिखे सवाल का चाचा जी यह कहते हुए जवाब देते हैं कि "हाँ रे भइया नें फिर कोई लड़की देखी है, तेरी चाची बुलडोज़र आने वाली है"। याद है न इस...